आतंकियों से लड़ने और उन्हें नेस्तोनाबूद करने वाली अभिलाषा के लिए , यदि नवाज शरीफ और पाकिस्तान की हकूमत बाकई संजीदा है ,यदि आतंकवाद के खिलाफ उनके इजहार-ए -इंतकाम और मुल्क में अमन - शांति स्थापना के इकरार के संकल्प में जरा भी सच्चाई है, तो वे उन आतंकियों और उनके आकाओं को घर जवांई बनाना छोड़ दें।जनाब शरीफ साहिब आप आस्तीन में साँप पालना छोड़ दें । यदि आप यह करना चाहें तो भारत की तमाम जनता भी आप के साथ है। आप आतंकवादियों को हथियार सप्लाई करने वाले दलालों को खोज -खोज कर मारें । पाकिस्तान स्थित - ड्रग माफिया और नकली करेंसी के मार्फ़त न केवल पाकिस्तान बल्कि भारत में भी दहशतगर्दी के लिए खुख्यात - मोहम्मद दाऊद , हाफिज सईद, अजहर मसूद , सिमी , आइ. एम ,आई इस आई ,अलकायदा ,जमात-उद - दावा , जैस -ए - मोहम्मद इत्यादि आतंकी संगठनों के सरगनाओं को , मुंबई -गुजरात -मुजफ्फरनगर के आपरधिक भगोड़ों को- पकड़ कर ततकाल भारत को सौंप दें। आप कश्मीर की वादियों में आग लगाना छोड़ दें। कश्मीरी ऐयाश आतंकियों को पालना -पोषना और उन्हें भारत में भेजना बंद करें. पाकिस्तान की आदमखोर सेना द्वारा जारी निरंतर - सीमाओं पर अंधाधुंध फायरिंग बंद करें। यदि पाकिस्तानी आवाम ,पाकिस्तानी सेना और सरकार में इतनी कूबत नहीं कि वे अपने यहाँ खून की होली खेलने वाले आतंकियों की असलियत न पहचान सकें , तो भारत को ही पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करने का अवसरप्रदान किया जाए। अर्थात अमेरिका की तरह भारत को भी इस संदर्भ में कार्यवाही करने का अधिकार दिया जाए। यदि इतना नहीं कर सकते तो हम ये मानेंगे कि पेशावर में 'शहीद' हुए सैकड़ों बच्चों की मजार पर पाकिस्तानी नेता और जनरल केवल मगरमच्छ के आंसू ही बहा रहे हैं। पेशावर के मासूम बच्चों की शहादत की कसम है तुम्हेपाकिस्तान वालो - कल जो नवाज शरीफ ने सार्वजानिक रूप से कौल करार किया है कि ' किसी भी आतंकी को नहीं छोड़ेंगे ' उससे पलट मत जाना !
श्रीराम तिवारी
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