शरीफ -शराफत नहीं दिखायेंगे यह जरुरी तो नहीं।
उनपर यकीन न किया जाए यह जरुरी तो नहीं।।
कितने अंगुलिमाल हो चुके हैं बुद्धम शरणम गच्छामि ,
इनको कभी अक्ल नहीं आएगी यह जरूरी तो नहीं।
चोर-उचक्के--हत्यारे -व्यभिचरी भी करते हैं हज यात्रा ,
दीनो -ईमान का उन पर साया न हो यह जरुरी तो नहीं।
धूर्त -पाखण्डी -अंधश्रद्धा से पीड़ित भी जाते हैं तीरथ,
गंगा स्नान से पाप धुल जाएंगे यह जरुरी तो नहीं।
हर पीली चमकदार धातु सोना नहीं हुआ करती ,
लेकिन कोई भी सोना नहीं होगी यह जरुरी तो नहीं।
वेशक पाकिस्तान में आतंकवाद चरम पर है आज ,
किन्तु सभी धर्मांध हों -हिंस्र हों यह जरूरी तो नहीं।
इंसानियत की समझ और कद्र सभी में बराबर हो ,
कुदरत का बनाया भेद मिट जाए यह जरूरी तो नहीं।
सभी मोहम्मद -बुद्ध -राम कृष्ण -ईसा जैसे हों जाएँ ,
या सभी साम्प्रदायिक गटर में कूंदे यह जरूरी तो नहीं।
शापित हैं जो मासूम बच्चों का रक्त बहाने के लिए,
उन्हें शर्म अपनी खता पर आये यह जरूरी तो नहीं।
बहुत हैं दुनिया में कवि -लेखक -चिंतक -ग्यानी-ध्यानी ,
लेकिन सभी मेरी तरह ही सोचें यह जरुरी तो नहीं।
श्रीराम तिवारी
उनपर यकीन न किया जाए यह जरुरी तो नहीं।।
कितने अंगुलिमाल हो चुके हैं बुद्धम शरणम गच्छामि ,
इनको कभी अक्ल नहीं आएगी यह जरूरी तो नहीं।
चोर-उचक्के--हत्यारे -व्यभिचरी भी करते हैं हज यात्रा ,
दीनो -ईमान का उन पर साया न हो यह जरुरी तो नहीं।
धूर्त -पाखण्डी -अंधश्रद्धा से पीड़ित भी जाते हैं तीरथ,
गंगा स्नान से पाप धुल जाएंगे यह जरुरी तो नहीं।
हर पीली चमकदार धातु सोना नहीं हुआ करती ,
लेकिन कोई भी सोना नहीं होगी यह जरुरी तो नहीं।
वेशक पाकिस्तान में आतंकवाद चरम पर है आज ,
किन्तु सभी धर्मांध हों -हिंस्र हों यह जरूरी तो नहीं।
इंसानियत की समझ और कद्र सभी में बराबर हो ,
कुदरत का बनाया भेद मिट जाए यह जरूरी तो नहीं।
सभी मोहम्मद -बुद्ध -राम कृष्ण -ईसा जैसे हों जाएँ ,
या सभी साम्प्रदायिक गटर में कूंदे यह जरूरी तो नहीं।
शापित हैं जो मासूम बच्चों का रक्त बहाने के लिए,
उन्हें शर्म अपनी खता पर आये यह जरूरी तो नहीं।
बहुत हैं दुनिया में कवि -लेखक -चिंतक -ग्यानी-ध्यानी ,
लेकिन सभी मेरी तरह ही सोचें यह जरुरी तो नहीं।
श्रीराम तिवारी
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