जो लोग पूंजीवादी व्यवस्था अंतर्गत शोषण के खिलाफ हैं, हिंसक अलगाववाद,आतंकवाद के खिलाफ हैं, किसान मजदूर के साथ हैं,ऐंसे नर नारी यदि अपनी ही सरकार पर आलोचनात्मक नजर रखते हैं और सरकार की उपलब्धियों को भी स्वीकारते हैं, तो वे सच्चे वतनपरस्त हैं!
जो शख्श अपने पूर्वजों द्वारा ईमानदारी से अर्जित संपत्ति में से परिजनों के हक पर बुरी नियत रखता है,भ्रातद्रोह करता है,वह पापी है !उसको जीवन में सुख शांति नही मिलती! उसे मरणोपरांत सदगति भी नही मिलती!क्योंंकि जिसकी नियत में खोट हो,उसका यह लोक और परलोक दोंनों दुखदायी हो जाते हैं! क्योंकि *अंत मति सो गति*!
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