देश के गरीब, साधारण लोगों के हित में जो नीतियां बनाई जाएंगी उससे मुसलमानों को भी फायदा होगा। बेरोजगारी,गरीबी, महंगाई देश के आम लोगों की बुनियादी समस्याएं हैं। यही मुस्लिम समाज की भी बुनियादी समस्याएं हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का बाजारीकरण,बिजली पानी की बढ़ती हुई दरें, पर्यावरण पर मंडराता खतरा, सांप्रदायिकता, जातिवाद, अपराध और हिंसा इत्यादि जिस तरह गरीब देशवासियों की समस्याएं हैं उसी तरह मुसलमानों की भी है।
इसलिए देश के गरीब, सामान्य लोगों के हितों की रक्षा करने वाले राजनीतिक दल ही मुसलमानों को फायदा पहुंचा सकते हैं। अलगाववादी मुस्लिम राजनीतिक दल(ओवेसी जैसे नेता) मुसलमानों का भावनात्मक शोषण तो कर सकते हैं, किंतु उन्हें कोई फायदा नहीं पहुंचा सकते।
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