स्वाधीन भारत के इतिहास में यह पहला अवसर है जबकि प्रधानमंत्री जी का अधिकांस समय अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार में व्यतीत हुआ करता है! देश आर्थिक दल दल में धस रहा है,जो किसान अन्नदाता हुआ करता था,वह चार महिनों से सड़कों पर है और 'एक फोन काल की दूरी' अभी तक समाप्त नही है! खुदा खैर करे!
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