मंगलवार, 21 जनवरी 2020

धर्म-मजहब को राजनीति से अलग रखना चाहिये!

वस्तुतः धर्म और राजनीति दो विपरीत ध्रुव हैं। लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को खत्म करने के लिए राजनीति रुपी दूध में धर्म जनित साम्प्रदायिकता के नीबू की एक बूँद ही काफी है! गोकि 'आवश्यकता आविष्कार की जननी है 'और हर युग की आवश्यकता के अनुरूप आविष्कार हो ही जाते हैं। इस युग की सबसे बड़ी दो बुराईयां हैं !भयानक बुराई जनसंख्या बिस्फोट और 'मजहबी आतंकवाद है!इनसे बचाव के लिए भारत में 'धर्मनिरपेक्ष -समाज' बनाना और जनसंख्या नियंत्रण सबसे जरुरी काम हैं!इसके लिए सर्वप्रथम धर्म-मजहब को राजनीति से अलग रखने का इंतजाम किया जाना चाहिये! 

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