साईं बाबा की जय जय कार !
अंतस ज्योति जलाईयो गुरु विनती बारम्बार !
श्रद्धा सबुरी सबको देना,शिरडी के सरकार !!.... साईं बाबा की...
सब घट भीतर खुद को देखूं,निज उर सब संसार !
अलख निरंजन अगम अनामय,महिमा अपरम्पार !!
मैं अहंकार त्रष्णा में डूबा, मेरी डूब रही पतवार !
पतित पावन नाम तुम्हारा,कृपा दॄष्टि अपार !!
तूँ ही गुरु पिता अरु माता,तूँ ही है पालनहार !
बीच भवर में नाव हमारी,तूँ ही है खेवनहार !!
एक ही नाम है एक ही रूप है एक ही सृजनहार !
रात अँधेरी विपति घनेरी, रवि शशि तूँ उजियार !!
रोग हरो प्रभु शोक हरो,हरियो विपति विकार !
लोभ हरो प्रभु क्रोध हरो,हरियो विघ्न अपार!!
शक्ति भक्ति दो ज्ञान विराग दो,हे जग तारणहार !
और भरोसा तुम बिन नाहीं,दीन बंधू अवतार !!
तुम समान दाता नहीं,विपति विदारण हार!
महिमा तेरी ही रहे,शिरडी के सरकार !!
अंतस ज्योति जलाईयो गुरु विनती बारम्बार !
श्रद्धा सबुरी सबको देना,शिरडी के सरकार !!.... साईं बाबा की...
सब घट भीतर खुद को देखूं,निज उर सब संसार !
अलख निरंजन अगम अनामय,महिमा अपरम्पार !!
मैं अहंकार त्रष्णा में डूबा, मेरी डूब रही पतवार !
पतित पावन नाम तुम्हारा,कृपा दॄष्टि अपार !!
तूँ ही गुरु पिता अरु माता,तूँ ही है पालनहार !
बीच भवर में नाव हमारी,तूँ ही है खेवनहार !!
एक ही नाम है एक ही रूप है एक ही सृजनहार !
रात अँधेरी विपति घनेरी, रवि शशि तूँ उजियार !!
रोग हरो प्रभु शोक हरो,हरियो विपति विकार !
लोभ हरो प्रभु क्रोध हरो,हरियो विघ्न अपार!!
शक्ति भक्ति दो ज्ञान विराग दो,हे जग तारणहार !
और भरोसा तुम बिन नाहीं,दीन बंधू अवतार !!
तुम समान दाता नहीं,विपति विदारण हार!
महिमा तेरी ही रहे,शिरडी के सरकार !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें