बुधवार, 21 नवंबर 2018

'देशभक्त' और ईमानदार !

इस भारत भूमि पर ऐंसे करोड़ों नर-नारी हैं जो परफेक्ट 'देशभक्त' और ईमानदार हैं, किन्तु वे किसी खास नेता या मंत्री के चमचे नहीं हैं और अंधभक्त भी नहीं हैं। वे देश के और सर्वहारा वर्ग के हितों की क्रुतसंकल्पित हैं ! जिस तरह केवल सेना की वर्दी पहिंन लेने से ही कोई देशभक्त नहीं हो जाता। जिस तरह खाकी वर्दी पहिंन लेने मात्र से कोई भ्रस्ट रिश्वतखोर पुलिस वाला नहीं हो जाता ! खाकी वर्दी में भी देशभक्त और नेक इंसान हो सकते हैं। इसी तरह केवल भगवा वस्त्र धारण करने,मंदिर - मस्जिद विवाद खड़ा करने,धार्मिक कर्मकांड करने ,दाड़ी रखने, बहुत सारे धर्मग्रन्थ पढ़ने से कोई आस्तिक नहीं हो जाता। बल्कि खाली पेट उघारे बदन खेतों -खलिहानों और निर्माण क्षेत्र में पसीना बहाने वाले किसान-मजदूर भले ही गीता- वेद -पुराण,कुरआन या बाइबिल न पढ़ते हों, वे मंदिर-मस्जिद -गुरुद्वारा भी न जाते हों, किन्तु यदि वे अपना व्यवसायिक कर्म पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करते रहते हैं तो दुनिया में उनसे बड़ा कोई आस्तिक कोई नहीं हो सकता !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें