सोमवार, 19 नवंबर 2018

आजादी के बाद !

त्यौहारों की चहल पहल बनी रहती है,
इस शहर में अक्सर आधी रात के बाद।
लगातार उगलते रहते हैं जहर फिजा में,
धूल धुअाँ धुंध वाहन गुजर जाने के बाद!!

लगा रहता सड़कों पर जाम आपातकाल,
कभी दुर्घटना नोटबंदी आधी रात के बाद!
सुनाई देता चीत्कार जीएसटीका फर्मान और
कभी बैंकोंका रुदन लुटेरे भाग जानेके बाद!!
कभी हो जातीं हैं रेलगाडियाँ खुद बेपटरी,
मर जाते हैं सैकड़ों जन आधी रात के बाद।
खूब तरक्की हुई है नेता पूंजीपति खुशहाल,
खूब असमानता भी बढ़ी है आजादी के बाद !!
लाखों कुर्बानियों से मिल सकी थी आजादी,
वो खतरे में है समरसता खो जाने के बाद।
श्रीराम तिवारी

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