वही देश का मालिक है,
जिस हाथ कुदाली छेनी हो !
वो बात खुलासा करनी है,
जो बात सभी के हित की हो!
सामाजिक समरसता हो,
न ऊंच नीच की बैनी हो !
अभिव्यक्ति आजादी हो,
न फासीवाद नसैनी हो!!
धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र हो,
जन गण मन त्रिवेणी हो !
नंगा भूंखा कोई न हो,
न जाति पांत की श्रेणी हो !!
मूल्य आधारित शासन हो,
सर्वहितकारी नीति हो !
समझ जिन्हें हो भले बुरे की,
सत्ता उनको ही देनी हो !!
श्रीराम तिवारी
जिस हाथ कुदाली छेनी हो !
वो बात खुलासा करनी है,
जो बात सभी के हित की हो!
सामाजिक समरसता हो,
न ऊंच नीच की बैनी हो !
अभिव्यक्ति आजादी हो,
न फासीवाद नसैनी हो!!
धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र हो,
जन गण मन त्रिवेणी हो !
नंगा भूंखा कोई न हो,
न जाति पांत की श्रेणी हो !!
मूल्य आधारित शासन हो,
सर्वहितकारी नीति हो !
समझ जिन्हें हो भले बुरे की,
सत्ता उनको ही देनी हो !!
श्रीराम तिवारी
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