सोमवार, 19 नवंबर 2018

यह विचारधारा की पराजय नहीं !

कल सायंकाल इंदौर विधान सभा क्षेत्र नंबर -2 में शाम को सत्तारूढ़ पार्टी के एक धीर वीर गंभीर और चिर युवा उम्मीदवार गाजे बाजे के साथ मेरे द्वार पर पधारे! उन्होंने मेरे और मेरी पत्नी के पैर छुये !चूंकि हम जानते हैं कि वे यकीनन जीतेंगे और यह नग्न सत्य भी है,अत: सौजन्यतावश हमने उन्हें आशीष दिया-विजयी भव! हालांकि वे वर्षों से बखूबी जानते हैं कि मैं उन्हें वोट नही देता! मैं जिन्हें वोट देता हूँ वे लगातार हारते आ रहे हैं! किन्तु यह विचारधारा की पराजय नहीं,अपितु पूंजीवादी भ्र्स्ट सिस्टम का कमाल है कि  ईमानदार और कक्रान्तिकारी  साथी हार जाते हैं और पूँजीवादी साम्प्रदायिक तत्व धड़ल्ले से जीत जाते हैं !चू्कि यह सिद्धांत की बात है और वर्गीय चेतना का भी सवाल है कि वामपंथी साथी संसाधनों की कमी के बावजूद कम से कम चुनाव तो लड़ ही लेते हैं !वैसे भी बिना लड़े हथियार डालना कायरता है! इसलिये जय पराजय की परवाह न कर हम CPI/CPM के उम्मीदवार को ही वोट करते हैं!बाज मर्तबा यदि ये खड़े नही होते तो किसी अन्य धर्मनिर्पेक्ष या लोकतांत्रिक दल के उम्मीदवार को भी वोट करते हैं! हर बार की तरह इस बार भी हम लाल झंडे को { इस बार कॉ. रुद्रपाल यादव} को वोट करेंगे!

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