सोमवार, 14 मार्च 2016

संघर्षों की सही दिशा है ,भगतसिंह की वाणी में। -[Shriram Tiwari ]



  माल समेटकर भागा माल्या ,बैंक अजब हैरानी में।

  मंद -मंद मुस्कराए मंत्रीवर , भैंस गयी जब पानी में।।

 
  सुरा सुंदरी आई पी एल , राजनीति   की  थाली  में।

  ईपीएफ और  वेतन गायब ,किंगफिशर बदहाली  में।।


  काले धन  वालों की सूरत ,  छिपी  सुरा की प्याली में।

 आरक्षण  का अजगर बैठा , वोट कबाडू  नाली  में।।


  लुटिया डूबी लोकतंत्र की , दल -दल  की  नादानी  में।

  आतंकी  उन्माद  पसरता ,  मजहब की शैतानी  में।।


  कॉरपोरेट पूँजी की जय-जय , ग्लोबल कारस्तानी में।

  निर्धन -निबल लड़े आपस में ,धर्म -जाति की घानी में।


  संघर्षों की  सही दिशा  है  ,भगतसिंह  की  वाणी में।

  अमर शहीदों  का बलिदान, भारत अमर कहानी में  ।।

 
                     श्रीराम तिवारी
 

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