वतनपरस्त लोगों को केद्र सरकार के निर्देश पर भृस्टाचार के खिलाफ- IT,ED,CBI की सक्रियता का समर्थन करना चाहिए! किंतु देश की प्रबुद्ध पब्लिक यह जानने को बेताब है कि सिर्फ विपक्षी नेताओं के यहां ही छापे क्यों पड़ रहे हैं?विपक्षी सांसदों को ही संसद से सस्पेंड क्यों किया जा रहा है?
शनिवार, 29 जुलाई 2023
आम चुनाव में संगठित विपक्ष
ओछी मानसिकता के लोग
मणिपुर की हिंसा के बहाने तमाम हरल्ले विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेरने में जुटे रहे,आज किसी ईसाई धर्मगुरु ने मीडिया पर खुलासा किया है कि मणिपुर का यह साम्प्रदायिक संघर्ष नही है, बल्कि यह जनजातियों (मैतेई और कुकी) के बर्चस्व का संघर्ष है।
वामपंथ की विचारधारा असफल हो रही है
पूंजीवादी अर्थशास्त्री रेकार्डो ने कहा था कि माल (Product) *श्रम काल* में पैदा होता है! तब मार्क्स ने उसमें यह जोड़ा कि मजदूर के काम की गणना श्रम काल में तो जरूर होती है किन्तु माल उसके श्रम काल से नहीं बल्कि उस श्रम काल में व्यय की गई मजदूर की *श्रम शक्ति अर्थात उसकी ऊर्जा*से ही पैदा होता है।
धर्म मज़हब की गलत सलत परम्पराओं और अंध विश्वासों पर चोट करनी चाहिए!
यदि हम हिन्दू हैं तो ईसाई,यहूदी या इस्लाम के बारे में कुछ कहने का कोई हक नहीं! और गैर सनातनी को-याने बौद्ध ईसाई, मुस्लिम को भी सनातन धर्म के बारे में कुछ कहने का हक नहीं!हम जिस धर्म को मानते हैं,उसी धर्म के अच्छे अच्छे सिद्धांत सूत्रों पर पहले खुद अमल करना सीखे़ं! तदुपरांत अपने अपने धर्म मज़हब की गलत सलत परम्पराओं पर और अंध विश्वासों पर चोट करनी चाहिए!
शनिवार, 22 जुलाई 2023
सनातन दुर्भाग्य
भारत का यह सनातन दुर्भाग्य है कि पं. नेहरु, लाल बहादुर शास्त्री,इंद्राजी के बाद 2014 तक जो भी सत्ता में रहा,उसकी प्रतिबद्धता भारत के प्रति नही बल्कि अपने परिवार और भ्रस्टाचारी ब्युरोक्रेट्स के सृजन में रही है।उनके स्वार्थों की दहलीज पर घोर पतनशील पूँजीवादी व्यवस्था अभिजात्य वर्ग को खूब रास आती रही है!
क्योंकि# सभी धर्म मजहब सम्माननीय हैं
सुनो भाई सुनो! सभी हिंदू भाई बहिनों सुनो ! पाकिस्तान परस्त आतंकियों और हिंदू विरोधी ताकतें का मकसद किसी से छिपा नही है!वे हिंदूओ़ को काफिर मानते हैं! उनके लिये बचपन से सिखाया जाता है कि जब तक इस धरती पर सारा मानव समाज मुस्लिम नही हो जाता तब तक कयामत भी नही होगी,और जब तक कयामत नही होगी,तब तक कब्र में ही तड़पना होगा !
"पापा ये लो.. ये वाला ज्यादा मीठा है.
एक छोटा सा बच्चा अपने दोनों हाथों में एक एक एप्पल लेकर खड़ा था
जिंदगी के सब काम सिर्फ-
जिंदगी के सब काम सिर्फ-
भारत में राष्ट्रीय चेतना का संकट:-
सैकड़ों साल की गुलामी के पदचिह्नों से निजात पाने के लिए और अपने अस्तित्व की रक्षार्थ भारत में हर वर्ग संघर्ष कर रहा है! न केवल जनता बल्कि सरकारों का और राजनैतिक दलों का मिजाज बदल रहा है!भाजपा अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिये निरंतर संघर्षरत है,कांग्रेस अपने अस्तित्व के लिये संघर्षरत है! वामपंथ किसानों मजूरों के हितसाधन हेतु संघर्षरत है! क्षेत्रीय दल अपने-अपने नेता के माध्यम से निहित स्वार्थों के लिये संघर्षरत हैं!
सोमवार, 17 जुलाई 2023
धूर्त-बदमास तत्व चैन से नहीं जीने देते।
भारतीय संविधान, विशाल जन समूह और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र,सर्वाधिक सस्ता लेबर और अध्यात्म की दुनिया में सर्वाधिक संपन्न राष्ट्र भारतके बारे में आपके मन में क्या है?
स्वर्णिम इतिहास को झुटलाया नही जा सकता
इतिहास जो भुलाया नहीं जा सकता.....!!
पत्नी के हाथ से बने खाने की तारीफ करो
एक दिन मल्होत्रा जी निर्मल बाबा के पास गये और बाबा को नमन करते हुए अर्ज किया:- "बाबा कृपा नहीं हो रही है"!