सुनो भाई सुनो! सभी हिंदू भाई बहिनों सुनो ! पाकिस्तान परस्त आतंकियों और हिंदू विरोधी ताकतें का मकसद किसी से छिपा नही है!वे हिंदूओ़ को काफिर मानते हैं! उनके लिये बचपन से सिखाया जाता है कि जब तक इस धरती पर सारा मानव समाज मुस्लिम नही हो जाता तब तक कयामत भी नही होगी,और जब तक कयामत नही होगी,तब तक कब्र में ही तड़पना होगा !
किंतु सरल सीधी अहिंसक हिदू कौम इन षडयंत्रों से गाफिल है! जबकि मुस्लिम.कौम आक्रामक है ! हिंदुओं को चाहिये कि पहले वह अपने धर्म का पालन करे,अपने धर्म ग्रंथों का आदर करें! उनका अध़्यन मनन.करें ! ब्रह्मसूत्रों को पढ़े और समझे!कभी भूल से भी दीन ए इस्लाम मजहब के खिलाफ न लिखे न बोले! क्योंकि# सभी धर्म मजहब सम्माननीय हैं!
आप किसी भी मुस्लिम या हिंदू के समक्ष एक दूसरे की व्यक्तिगत आलोचना तर्क वितर्क कर सकते हैं,किंतु किसी भी धर्म मजहब का मजाक उड़ाने का अधिकार किसी को नही है! अनावश़यक बाद विवाद से मुसलमानें -हिंदूओं का और भारत राष्ट्र का ही नुकसान होता है!"
सब तर्क कुतर्क समाप्त हो जाते हैं अगर हम आप खुद इस तरह की घटनाओं के भुक्तभोगी हों। आप कितने भी संवेदनशील क्यों न हों इस तरह की पीड़ा का अंदाज नहीं लगा सकते। महसूस करना हो तो बस भुक्तभोगी होना होगा। यही सच है। दूर से तो सब सही ही हैं।
इस पोस्ट के प्रेरणा स्त्रोत हैं :-
महान लेखक विचारक-तारिक फतेह कनाडा.
डॉ रिजवान अहमद मुस्लिम स्कालर और समाजशास्त्री.
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