यदि हम हिन्दू हैं तो ईसाई,यहूदी या इस्लाम के बारे में कुछ कहने का कोई हक नहीं! और गैर सनातनी को-याने बौद्ध ईसाई, मुस्लिम को भी सनातन धर्म के बारे में कुछ कहने का हक नहीं!हम जिस धर्म को मानते हैं,उसी धर्म के अच्छे अच्छे सिद्धांत सूत्रों पर पहले खुद अमल करना सीखे़ं! तदुपरांत अपने अपने धर्म मज़हब की गलत सलत परम्पराओं पर और अंध विश्वासों पर चोट करनी चाहिए!
*सनातन* का शाब्दिक अर्थ जानते हुए भी इस तरह का अतार्किक मिथ गढ़ना भयंकर भूल है!
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