एक दिन मल्होत्रा जी निर्मल बाबा के पास गये और बाबा को नमन करते हुए अर्ज किया:- "बाबा कृपा नहीं हो रही है"!
निर्मल बाबा;; कभी अपनी पत्नी के हाथ से बने खाने की तारीफ की है?
मल्होत्रा;;जी नहीं!
घर आते ही मल्होत्रा जी नें आलू के परांठे की जमकर तारीफ की "आज तो खाने का आनन्द आ गया है 20 साल में पहली बार"!!
पत्नी ने आँखें तरेरकर कहा - "20 साल में तुम्हे खाने का मजा नहीं आया और आज पड़ोसन वासी पराँठे दे गयी तो आनंद आ गया"?? छि:
मल्होत्रा जी सदमें हैं,*जय निर्मल बाबा की*
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