वही देश का मालिक होगा,
जिस हाथ कुदाली छेनी हो !
जो बात सभीके हित की हो,
वो बात जुबां से कहनी हो !!
अभिव्यक्ति की आजादी हो,
या फासीवाद का फंदा हो!!
धर्मनिरपेक्षता जिंदाबाद!
न कि साम्प्रदायिक दंगा हो!
बर्बरता और आतंकवाद पर ,
भारी विजयी विश्व तिरंगा हो !!
न अनिकेत कोई,भूंखा नंगा हो,
शरीर स्वस्थ रहे और मन चंगा हो!
मानवीय मूल्यों का अनुशासन हो,
न कोई दुर्योधन हो,न दुस्शासन हो !!
सबका साथ सबका विकास हो!
केवल सुधी जनों का शासन हो !!
श्रीराम तिवारी
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