शनिवार, 12 सितंबर 2020

खेत में बीज न डाले जाएँ तो कुदरत उसे घास-फूस से भर देती है।*

हमें यह याद रखना चाहिए कि सभी मानसिक रोगी केवल अस्पताल में ही नहीं रहते हैं। कुछ हमारे आस-पास खुले में भी घूमते रहते हैं ।
प्रकृति के नियम: *यदि खेत में बीज न डाले जाएँ तो कुदरत उसे घास-फूस से भर देती है।*
*उसी तरह से यदि दिमाग में सकारात्मक विचार न भरें जाएँ तो नकारात्मक विचार अपनी जगह बना ही लेते हैं।*
*दूसरा नियम है कि जिसके पास जो होता है वह वही बाँटता है। "सुखी" सुख बाँटता है, "दु:खी" दुःख बाँटता है, विवेकशील विवेक बाँटता है,भ्रमित इंसान भ्रम बाँटता है और "भयभीत" सदा भय बाँटता है। जो खुद डरा हुआ है वह औरों को भी डराता है,दबा हुआ शख्स दबाता है और चमका हुआ चमकाता है।*
*SUCCESS इंसान SUCCESS बाँटता है !
*सफल लोगों से ईर्षा करना या उनकी अंतहीन इकतरफा निंदा भी एक मनोरोग ही है!

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