- व्यापम -श्यापम पूछ रहा है ,
सिस्टम कितना हुआ नराधम ?
रिश्वतखोरी सीनाजोरी मुफ्तखोरी,
मंत्री अफसर लूटम- पाटम !! - दम्भ जिन्हे था देशभक्ति का ,
वे निकले सब नैतिकता घातम्।
चाल -चरित्र -चेहरे पर जिनके ,
व्हिसिलब्लोवर मारी लातम।। - गटर गंग के दिग्गज जंतु,
मगरमच्छ आँसू सन्तापम् ।
किये-धरे की लाज शरम ना,
अधम स्वार्थी विकट पिशाचम।। - अच्छे दिन यदि देश के आये ,
तो फिर क्यों मनाते मातम ?
कितनी जाने लील गया ये ,
शासन बड़ा महाभिशापम्! - फँसे हजारों- मरे पचासों,
जिम्मेदार है कौन नराधम ?
लेने वाले देने वाले दोनों ही,
नर हत्यारे जन गण घातम।। - कुटिल कलंकी व्यभिचारिणी ,
पूँजीवादी माया व्यापम।
लिए -दिए बिन काम चले न ,
फोकट काम बिगाड़ू हाकिम ।। - मुन्ना भाई बने डाक्टर,आई,
यमदूतों की फौज धमाधम!
आरक्षण ने बाट लगाई आग,
प्रतिभा क्षमता सत्यानाशम्।। - श्रीराम तिवारी
गुरुवार, 26 जुलाई 2018
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