गुरुवार, 26 जुलाई 2018

  • व्यापम -श्यापम पूछ रहा है ,
    सिस्टम कितना हुआ नराधम ?
    रिश्वतखोरी सीनाजोरी मुफ्तखोरी,
    मंत्री अफसर लूटम- पाटम !!
  • दम्भ जिन्हे था देशभक्ति का ,
    वे निकले सब नैतिकता घातम्।
    चाल -चरित्र -चेहरे पर जिनके ,
    व्हिसिलब्लोवर मारी लातम।।
  • गटर गंग के दिग्गज जंतु,
    मगरमच्छ आँसू सन्तापम् ।
    किये-धरे की लाज शरम ना,
    अधम स्वार्थी विकट पिशाचम।।
  • अच्छे दिन यदि देश के आये ,
    तो फिर क्यों मनाते मातम ?
    कितनी जाने लील गया ये ,
    शासन बड़ा महाभिशापम्!
  • फँसे हजारों- मरे पचासों,
    जिम्मेदार है कौन नराधम ?
    लेने वाले देने वाले दोनों ही,
    नर हत्यारे जन गण घातम।।
  • कुटिल कलंकी व्यभिचारिणी ,
    पूँजीवादी माया व्यापम।
    लिए -दिए बिन काम चले न ,
    फोकट काम बिगाड़ू हाकिम ।।
  • मुन्ना भाई बने डाक्टर,आई,
    यमदूतों की फौज धमाधम!
    आरक्षण ने बाट लगाई आग,
    प्रतिभा क्षमता सत्यानाशम्।।
  • श्रीराम तिवारी

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