सोमवार, 31 अक्टूबर 2016

उनका एनकाउंटर में मारा जाना देशहित में जरुरी है।

यद्द्यपि भोपाल जेल से फरार 'सिमी' आतंकवादियों के साथ मध्यप्रदेश पुलिस ने जो कुछ किया वह बिलकुल सही है। निसंदेह सिमी के लोग समाजद्रोही -देशद्रोही हैं ,लेकिन बाकीके सभी सामजिक-आर्थिक-राजनैतिक अपराधी क्या देशभक्त हैं ? राह चलते स्कूल -कालेज की छात्राओं,कामकाजी महिलाओं का आयेदिन अपहरण करने वाले गुंडे ,चेन स्नेचिंग करनेवाले लफंगे ,कन्या भ्रूणहत्या करने वाले राक्षस ,नकली दवाइयाँ बनाने-बेचनेवाले,मिलावटी खाद्यान्न बेचने वाले  ,मजूरों की मंजूरी डकारने वाले ,व्यापम कुकर्म करनेवाले ,सीबीआई और सीआईडी को धता बताने वाले ,इनकम टेक्स , सेल टेक्स ,आरटीओ ,पीडब्लूडी के अधिकारियों की जेबें भरने वाले औरहरकिस्म के राजनैतिक भृष्टाचार में लिप्त लोग क्या देशभक्त हैं ? मध्यप्रदेश सरकार और एमपी की बहादुर पुलिस जब सिमी आतंकियों को गोलियों से भून सकती है ,तो उनसे ज्यादा खतरनाक अपराधियों पर कृपादृष्टि क्यों ? उन्हें चाहिए कि इन घातक अपराधियों को भी मुठभेड़ में मार दे ! क्योंकि न्यायपालिका और लोकतंत्र तो शायद इसकी कभी इजाजत नहीं देते !

वेशक भृष्टाचार ,भाई -भतीजावाद और राजनैतिक दबाव में कामकरने के लिए एमपी पुलिस भी हमेशा बदनाम रही है। किन्तु कई मामलों में वह दिल्ली ,पंजाब ,हरियाणा और कश्मीर पुलिस से तो बेहतर ही है। भगोड़े सिमी आतंकियों को मार गिराने का एमपी पुलिस का यह शानदार और बहादुरी का काम  काबिले तारीफ़ है। यह काम बहुत पहले शुरूं हो जाना चाहिए था।यदि मुख्यमंत्री शिवराज जी या उनके गृह मंत्री उसका श्रेय लेते हैं तो यह एमपी पुलिस के साथ अन्याय है,क्योंकि वे यह काम करने में यदि सक्षम थे तो १० साल का इन्तजार क्यों किया ? सिमी आतंकी तो शिवराज के सत्ता में आने से पूर्व ही कुख्यात हो चुके थे। वास्तव में कथित मुठभेड़- एनकाउंटर की घटना का श्रेय उन सूचना देने वाले सजग ग्रामीणों को भी जाता है। भलेही विभिन्न कारणों से उनका नाम अभी गोपनीय  रखा गया  हो !क्योंकि मध्यप्रदेश में सिमी आतंकवादियों का नेटवर्क अभी भी बहुत मजबूत है । उनके तार खण्डवा,बुरहानपुर ,भोपाल ,नागदा, महिदपुर, सनावद ,खरगोन से लेकर बेंगलोर ,भटकल ,अहमदाबाद और हैदराबाद तक जुड़े होने की संभावना हो सकती है। वे तालिवान ,अलकायदा ,आईएसआईएस, पाकिस्तानी फ़ौज और जैश ए मुहम्मद से भी वास्ता रखते हैं। इसलिए उनका एनकाउंटर में मारा जाना देशहित में जरुरी है।

वे  कहीं पर नकली नोट खपा रहे होते हैं ,वे कहीं पत्थर पर पत्थर फैंक रहे होते हैं ,वे कहीं पर जेल फांदकर फरार हो रहे होते हैं , वे कहीं पर भारतीय निर्दोष नागरिकों और पुलिस पर फायर कर रहे होते हैं। यदि मध्य प्रदेश के ग्रह मंत्री कह रहे हैं कि हमने कारनामा कर दिखाया तो यह बड़बोलापन है।  पुलिस का मानो कोई रौल नहीं। इसके अलावा किसी एक भी आतंकी को जिन्दा न पकड़ पाना और जेल से भाग जाने देना भी सन्देह को जन्म देता है। लेकिन फिर भी आतंकियों को खत्म करने में ही देश की भलाई है , बहादुरी है और देशभक्ति भी।
 श्रीराम तिवारी !

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