शनिवार, 1 अक्तूबर 2016

इसीमें भारत की जनता का कल्याण है।


सारा संसार जानता है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर जितना तनाव है उतना अन्यत्र कहीं नहीं। नार्थ कोरिया - उत्तर कोरिया ,इजरायल -फिलिस्तीन या  सीरिया और इराक की सीमाओं पर भी इतनी भयावहता नहीं है। विगत लंबे समय से पाकिस्तानआर्मी और उसके पालतू आतंकियों ने न जाने कितने भारतीयों को चुन-चुन कर मारा है। भारत ने तो प्रतिक्रियास्वरूप बमुश्किल छटाक भर 'आपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक' नामक कार्यवाही ही की है। किन्तु  यूएनओ और पाकिस्तानी सेना इसे कोई खास नहीं मानते। लेकिन कुछ तो हुआ है। यदि इस कार्यवाही में कोई दम नहीं है , तो इमरान खान की नेतागिरी क्यों चल निकली। सीमाओं के दोनों ओर लाखों लोगोंका पलायन क्यों जारी है ? पाकिस्तानी सुरक्षा सलाहकार और उनके रक्षामंत्री -जुबान पर एटम बम लिए क्यों मचल रहे हैं ?

 जो लोग  'आपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक 'को बढ़ा -चढाकर पेश कर रहे हैं वे  सरासर मूर्ख और आत्मघाती हैं। किन्तु जो लोग इस कार्यवाही को केवल प्रचार मान रहे हैं या इसे मोदी जी की वैयक्तिक छवि निर्माण से जोड़ रहे हैं, वे कोई देशभक्तिपूर्ण कार्य नहीं कर रहे हैं। थोड़ी सी तसल्ली ही सही ,भारतीय फ़ौज की इस  सफलता को सम्मान दिया जाना चाहिए। इसीमें भारत की जनता का कल्याण है। खास तौर पर तब ,जबकि दुश्मन की रग-रग में बेईमानी हो भरी हो ! श्रीराम तिवारी !

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