महिमा आसाराम की , रामपाल सतलोक ।
धर्मान्धता की गटर में , नहा चुके वे- रोक ।।
त्रिचरापल्ली में मगन ,स्वामी प्रेमानंद ।
वैश्यावृत्ति में फंसा , स्वामी भीमानंद।।
ऐक्ट्रेस संग जो रहा ,ब्रह्मानंद में लीन।
नित्यानंद वो हरामी , सबसे बड़ा कमींन ।।
चंद्रा स्वामी तांत्रिक , राजनीतिज्ञ दलाल ।
स्वामी रामदेव भी , हो रहा मालामाल ।।
सभी धरम -मजहबों में , छिपे गुरु घंटाल।
अंधश्रद्धा महा पापनी , है जी का जंजाल ।।
श्रीराम तिवारी
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