[१]
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी की कोई आर्थिक सोच या नीति नहीं है। वे पश्चिम बंगालमें 'वामपन्थ' की प्रतिवाद मात्र हैं। वहाँ की जनता ने गफलत में ममता को एक बार सत्ता का मौका देकर ऐतिहासिक भूल की है। ममता अब प्रधान मंत्री के सपने देख रहीं है। उसका सपना पूरा हो भी सकता है क्योंकि उसने न केवल बंगाल में बल्कि देश भर में आपराधिक वर्गों को 'साध' रखा है। अल्पसंख्यक वर्ग भी कमजोर कांग्रेस या वामपंथ की जगह उद्दंड ममता को पसन्द कर रहा है। इसीलिये ममता के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वह लखनऊ की आम सभा में मोदी जी को ललकार गयी है। ममता को नोटबंदी या उससे जुड़े आर्थिक पहलुओं का रत्ती भर ज्ञान नहीं है , किन्तु फिर भी वह सारे देश में नोटबंदी और मोदी विरोध का ढोंग करती फिर रही है। भारत के प्रबुद्ध वर्ग को समझना चाहिए कि देश को मोदी से नहीं बल्कि ममता,लालू,मुलायम और मायावती से खतरा है।
[२]
पाकिस्तानी आतंकियों ने पहले उधमपुर ,फिर पठान कोट ,फिर उड़ी पर हमला किया ,बहुत अनमने भाव से हमने जबाब में 'आपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक' जैसा कोई टोटका किया। ढपोरशंख बजाकर हमें बताया गया कि 'अंदर घुसकर'मारा!किन्तु उसके बाद पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर का उलंघन किया गया ,इतना ही नहीं २९ नवम्बर को उन्होंने भारत के नागरोटा 'आर्मी केम्प' पर हमला करके सावित कर दिया कि वे आतंकी सकुशल हैं ,सलामत हैं ,हमारी सर्जिकल स्ट्राइक बाकई एक भौथरा प्रोपेगंडा मात्र था। हमने पीओके में उनके दो - चार झोपड़े क्या उखाड़ दिए ,अपने आप को निरापद समझ बैठे !शत्रु तो सीधे -सीधे हमारे आर्मी केम्प पर ही अटेक कर रहे हैं। हमारे देश के नेता कारगर रणनीति में असफल हो जाने के बाद या तो बगले झांक रहे हैं या 'नोटबंदी' में लगे हैं ! कुछ महाबली नेता अपनी भारतीय फ़ौज की वीरता का नित्य गुणगान कर रहे हैं ,उनके बखान करने का अंदाज कुछ यों है कि ''चढ़ जा बेटा सूली पै राम भली करेंगे ''!
[३]
अनुमान के मुताबिक 'नोटबंदी' की इतनी मारामारी के वावजूद,'कालेधन' की कानि कौड़ी भी सरकार के खजाने में नही आई है। जिन-जिनके पास किंचित न्यूनाधिक कालाधन था , वह उन्होंने तत्काल बेनामी सम्पत्ति , स्वर्ण आभूषण ,और जन-धन खातों के हवाले कर दिया। अब जिनके पास बहुत अधिक मात्रा में कालाधन शेष है ,उन्हें लुभाने के लिए लिए मोदी सरकार नए-नए रास्ते तलाश रही है। ५०% कालेधन को तो दिन दहाड़े सफेद कर ही दिया है। बाकी का ५०% सरकारी खजाने में आकर अपने आप सफ़ेद हो जाएगा ! नोटबंदी की जय हो !
[४] कल २९ नवम्बर की अन्धयारी रात को पाक रेंजर्स और उसके आतंकियों ने भारत के नगरोटा आर्मी केम्प पर हमला कर दिया। इस आकस्मिक हमले में भारत के आधा दर्जन आर्मी आफीसर और जवान शहीद हुए हैं !पाकिस्तान आर्मी की इस कायराना हरकत की हम निंदा करते हैं और हमारे शहीद फौजियों की इस शहादत पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। एक सवाल भी है ,की क्या पाकिस्तान आर्मी ने अपने नए 'जनरल' कमर जावेद को उनकी पदोन्नति पर सलामी दी है या की परम्परागत नंगई दिखाई है ?
[ ५] एक पत्रकार ने नोटबंदी के सन्दर्भ में एक अर्धशिक्षित ग्रामीण बुन्देलखण्डी से उसका ओपिनियन पूँछा !बुन्देलखण्डी भाई ने जो जबाब दिया उसका शुद्ध हिंदीकरण स्वयम करने का कष्ट करें।
पत्रकार - मोदी सरकार ने हजार पाँच सौ के पुराने नोट बन्द कर दिए हैं ,सरकार का कहना है कि इससे देश का कालाधन वापिस आएगा ,जबकि विपक्ष का कहना है कि कालाधन आयेगा -इसकी कोई गारन्टी नहीं क्योंकि कालेधन वाले बड़े बदमाश हैं ,वे काले को सफ़ेद करना खूब जानते हैं। जबकि इस नोटबंदी से देश की ईमानदार जनता को अवश्य भारी तकलीफ उठाना पड़ रही है। इस बारे में आपका क्या कहना है ?
बुन्देलखण्डी - भज्या ,कारो सफ़ेद तो हम नईं जानत ,हमें तो जो लग रव कै ई में पूरो ई देश भिंदरया गव है !
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी की कोई आर्थिक सोच या नीति नहीं है। वे पश्चिम बंगालमें 'वामपन्थ' की प्रतिवाद मात्र हैं। वहाँ की जनता ने गफलत में ममता को एक बार सत्ता का मौका देकर ऐतिहासिक भूल की है। ममता अब प्रधान मंत्री के सपने देख रहीं है। उसका सपना पूरा हो भी सकता है क्योंकि उसने न केवल बंगाल में बल्कि देश भर में आपराधिक वर्गों को 'साध' रखा है। अल्पसंख्यक वर्ग भी कमजोर कांग्रेस या वामपंथ की जगह उद्दंड ममता को पसन्द कर रहा है। इसीलिये ममता के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वह लखनऊ की आम सभा में मोदी जी को ललकार गयी है। ममता को नोटबंदी या उससे जुड़े आर्थिक पहलुओं का रत्ती भर ज्ञान नहीं है , किन्तु फिर भी वह सारे देश में नोटबंदी और मोदी विरोध का ढोंग करती फिर रही है। भारत के प्रबुद्ध वर्ग को समझना चाहिए कि देश को मोदी से नहीं बल्कि ममता,लालू,मुलायम और मायावती से खतरा है।
[२]
पाकिस्तानी आतंकियों ने पहले उधमपुर ,फिर पठान कोट ,फिर उड़ी पर हमला किया ,बहुत अनमने भाव से हमने जबाब में 'आपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक' जैसा कोई टोटका किया। ढपोरशंख बजाकर हमें बताया गया कि 'अंदर घुसकर'मारा!किन्तु उसके बाद पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर का उलंघन किया गया ,इतना ही नहीं २९ नवम्बर को उन्होंने भारत के नागरोटा 'आर्मी केम्प' पर हमला करके सावित कर दिया कि वे आतंकी सकुशल हैं ,सलामत हैं ,हमारी सर्जिकल स्ट्राइक बाकई एक भौथरा प्रोपेगंडा मात्र था। हमने पीओके में उनके दो - चार झोपड़े क्या उखाड़ दिए ,अपने आप को निरापद समझ बैठे !शत्रु तो सीधे -सीधे हमारे आर्मी केम्प पर ही अटेक कर रहे हैं। हमारे देश के नेता कारगर रणनीति में असफल हो जाने के बाद या तो बगले झांक रहे हैं या 'नोटबंदी' में लगे हैं ! कुछ महाबली नेता अपनी भारतीय फ़ौज की वीरता का नित्य गुणगान कर रहे हैं ,उनके बखान करने का अंदाज कुछ यों है कि ''चढ़ जा बेटा सूली पै राम भली करेंगे ''!
[३]
अनुमान के मुताबिक 'नोटबंदी' की इतनी मारामारी के वावजूद,'कालेधन' की कानि कौड़ी भी सरकार के खजाने में नही आई है। जिन-जिनके पास किंचित न्यूनाधिक कालाधन था , वह उन्होंने तत्काल बेनामी सम्पत्ति , स्वर्ण आभूषण ,और जन-धन खातों के हवाले कर दिया। अब जिनके पास बहुत अधिक मात्रा में कालाधन शेष है ,उन्हें लुभाने के लिए लिए मोदी सरकार नए-नए रास्ते तलाश रही है। ५०% कालेधन को तो दिन दहाड़े सफेद कर ही दिया है। बाकी का ५०% सरकारी खजाने में आकर अपने आप सफ़ेद हो जाएगा ! नोटबंदी की जय हो !
[४] कल २९ नवम्बर की अन्धयारी रात को पाक रेंजर्स और उसके आतंकियों ने भारत के नगरोटा आर्मी केम्प पर हमला कर दिया। इस आकस्मिक हमले में भारत के आधा दर्जन आर्मी आफीसर और जवान शहीद हुए हैं !पाकिस्तान आर्मी की इस कायराना हरकत की हम निंदा करते हैं और हमारे शहीद फौजियों की इस शहादत पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। एक सवाल भी है ,की क्या पाकिस्तान आर्मी ने अपने नए 'जनरल' कमर जावेद को उनकी पदोन्नति पर सलामी दी है या की परम्परागत नंगई दिखाई है ?
[ ५] एक पत्रकार ने नोटबंदी के सन्दर्भ में एक अर्धशिक्षित ग्रामीण बुन्देलखण्डी से उसका ओपिनियन पूँछा !बुन्देलखण्डी भाई ने जो जबाब दिया उसका शुद्ध हिंदीकरण स्वयम करने का कष्ट करें।
पत्रकार - मोदी सरकार ने हजार पाँच सौ के पुराने नोट बन्द कर दिए हैं ,सरकार का कहना है कि इससे देश का कालाधन वापिस आएगा ,जबकि विपक्ष का कहना है कि कालाधन आयेगा -इसकी कोई गारन्टी नहीं क्योंकि कालेधन वाले बड़े बदमाश हैं ,वे काले को सफ़ेद करना खूब जानते हैं। जबकि इस नोटबंदी से देश की ईमानदार जनता को अवश्य भारी तकलीफ उठाना पड़ रही है। इस बारे में आपका क्या कहना है ?
बुन्देलखण्डी - भज्या ,कारो सफ़ेद तो हम नईं जानत ,हमें तो जो लग रव कै ई में पूरो ई देश भिंदरया गव है !
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