उन्नत सोशल मीडिया एवं प्रगत सूचना सम्पर्क टेकनालाजी के इस दौर में भारतीय जन मानस साम्प्रदायिक दिग्भ्रंम का शिकार हो रहा है ! आजकल हर ऐरा गैरा नत्थू खैरा सीधे सादे अहिंसक हिंदुओं की पूजा अर्चना की अंध आलोचना कर रहा है। दरअसल दुनिया का चलन है कि *गरीब की लुगाई पूरे गांव की भौजाई होती है* गरीब हिंदू ,सच्चा हिंदू, मेहनतकश हिंदू हजारों साल से गुलाम रहा है,किंतु अब हिंदुओं को और नहीं दबाया जा सकता। क्योंकि वे आधुनिक मीरजाफरों,जयचंदों, गजनबियों को पहचान गए हैं।
ज़िन्हें पूँजीवादी लूट से और शोषण-उत्पीडन से लड़ना चाहिये था वे हिंदूओं को भाजपा का कैडर बता रहे हैं और मुस्लिम साम्प्रदायिक तत्वों- बर्बर हिंसक माफियाओं,पत्थरबाजों की पैरवी कर रहे हैं !वे भूल जाते हैं कि केन्द्र की मोदी सरकार, असम में हेमंत बिस्वास और यूपी में चुंनकर आयी योगी सरकार कोई तख्ता पलट कर सत्ता में नही आये हैं! बल्कि उन्हें जनता ने चुना है,इसलिये उनकी कोई गलत नीति -नियत है तब तो आलोचना जायज है।किंतु राजनीतिक स्वार्थ के लिये अनावश्यक द्वेश बढ़ाने से देश का अहित है और विपक्ष का भी नुक्सान है !
मोदीजी या योगीजी सिर्फ विपक्ष के निशाने पर ही नहीं हैं,बल्कि वे निरंतर भारत के चिर शत्रुओं के भी निशाने पर हैं। मोदीजी अमित जी या भाजपा वाले हमें कितने ही अप्रिय क्यों न हों, किंतु चुनाव में उन्हें जो निरंतर जन समर्थन मिल रहा है,वो उनके संप्रभू संवैधानिक अधिकारौं की अनुशंसा करता है।किसी भी क्रिया प्रतिक्रिया का कारण जाने बिना केवल अंध विरोध करते रहना विपक्ष के लिये कतई लाभप्रद नही है ! वैसे भी सत्ता पक्ष के लोग उतने खतरनाक नही जितने की खरगोन करोली दिल्ली, गुजरात या कष्मीर के पत्थरबाज हैं ।
यदि आप पाकिस्तानी आतंकी और कष्मीरी पत्थरबाजों का विरोध नहीं करते,तो आपका अपनी ही सरकार का विरोध करना नितांत गलत है।वेशक अतीत में भाजपा और मोदी जी ने केन्द्रिय सत्ता मिलने से पूर्व वादा किया था कि यदि हम सत्ता में आए तो कष्मीरी पत्थरबाजों को नेस्तनाबूद कर देंगे और देश भर से आतंकवाद ख़त्म कर देंगे। किंतु इसका उलट हो रहा है।
जिन्हौने कांग्रेस को कोसते हुए देश की सत्ता हासिल की वे उपद्रव रोकने की ड़ींगें हांकने वाले,इसबार रामनवमीं और हनुमान जयंती पर कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों के हमले नहीं रोक पाए। पाकिस्तान को भी सबक सिखाने के दावे किये थे किंतु सत्ता में आने के बाद न तो कष्मीर शांत हुआ और न नक्सलवाद पर लगाम लगी। भारत आज पहले से ज्यादा सुलग रहा है !
श्रीराम तिवारी !
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