माना कि जगदगुरु आदि शंकराचार्य ने अद्वैत वेदांत प्रतिपादित किया,वेदों पर अनेक भाष्य लिखे ! किंतु इससे सिर्फ मुठ्ठी भर धर्म प्राण राजर्षियों और चंद कर्मकांडी पंडितों को ही लाभ हुआ! बाकी लाखों निर्धन विप्र- ब्राहमणों,गरीब सवर्णों को क्या लाभ हुआ? आज़ादी
इसी तरह माना कि बाबा साहिब भीमराव अम्बेडकर ने दलितों /आदिवासियों को आरक्षण दिलाया, इससे सिर्फ उनको फायदा हुआ जो पहले से ही शिक्षित और ताकतवर थे! उन्होंने ही इसका पीढी दर पीढी फायदा उठाया! किंतु आजादी के 74 साल बाद अधिकांस गरीब दलित /आदिवासी आज पहले से ज्यादा गरीब हैं! यदि किसी को कोई शक हो तो छ.ग. के अबूझमाड़,जशपुर, कोकराझार,दंतेवाड़ा,गोंडवाना और झाबुआ जिले के गरीब आदिवासियों के बीच जाकर उनकी व्यथाकथा खुद अपनी आँखों से देख ले!
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