बुधवार, 26 अप्रैल 2023

अब तक तो खैरियत है आगे का भी पता नहीं!

 कोई तो क़िस्त बाकी है जो अदा नहीं है!

फिज़ा में साँसे बाक़ी हैं,किंतु हवा नहीं है!!
नसीहतें,सलाहें,हिदायतें ये दुनिया भर की,
डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन है लेकिन दवा नहीं !
नाक मुँह आँख कान सर्वांग स्वस्थ सु़ंदर हैं
किंतु कहां कितने नासूर कब से हैं पता नहीं!
जिम्मैदार हम ही हैं इस बदहाली ज॒ज के लिए,
अब तक तो खैरियत है आगे का भी पता नहीं!
करते रहे कुदरत से छेड़छाड़ नादां हम सभी,
और कौन कौन गुनहगार हैं, इसका पता नहीं!
:-आहत इंदौरी (श्रीराम तिवारी)

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