*कभी साथ बैठो..*
गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021
सुख मेरा काँच सा था..* *न जाने कितनों को चुभ गया..
बुधवार, 24 फ़रवरी 2021
रोशनी ख़त्म न कर आगे अँधेरा होगा
उसके दुश्मन हैं बहुत आदमी अच्छा होगा
मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021
परहित सरिस धरम नहिं भाई"!
पाश्चात्य नास्तिकों और भारतीय चार्वाक दर्शन के अनुयायियों का सवाल जायज है कि जब मनुष्य के अलावा हाथी कंगारू, ऊंट,घोडा,गधा,गाय,बैल,भैंस,कुत्ता,बिल्ली, शेर,साँप ,नेवला ,मयूर ,कोयल ,कौआ,तीतर, तोता,गिद्ध-बाज,मगरमच्छ,कछुआ, शार्क- व्हेल मछली जब आस्तिक-नास्तिक नहीं होते तो मनुष्य को आस्तिक-नास्तिक के फेर में क्यों पड़ना चाहिए ?
मानव जीवन की नश्वरता पर एक नज़र :-
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती-सोहनलाल द्विवेदी
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती!
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती!!
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है!
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है!!
बुधवार, 17 फ़रवरी 2021
पैराशूट की खोज हवाईजहाज से 1 सदी पहले हुई थी.
1. Octopus के तीन दिल होते हैं.
कार्ल मार्क्स का यह तात्पर्य कदापि नहीं था
जब रोम जल रहा था, पीट्सबर्ग से लेकर डायमंड हार्वर तक और हिरोशिमा से लेकर नागासाकी तक परमाणुविक आग की लपटें आसमान छू रहीं थीं ,तब यूरोप -अरब के धर्म-मजहब क्या कर रहे थे ?
*कहानी* 🎋 *बाँस का पेड़* 🪵
*एक संत अपने शिष्य के साथ जंगल में जा रहे थे। ढलान पर से गुजरते अचानक शिष्य का पैर फिसला और वह तेजी से नीचे की ओर लुढ़कने लगा।वह खाई में गिरने ही वाला था कि तभी उसके हाथ में बांस का एक पौधा आ गया। उसने बांस के पौधे को मजबूती से पकड़ लिया और वह खाई में गिरने से बच गया।*
गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021
अब आजादी के फल खा रहे कोई और हैं
बदलते नहीं मौसम इंसानी फितरत से,
*मुस्कुराते रहिये*
*मैंने एक फूल से कहा*:...
गधाजीवी
पाखंडियों ने मूर्ख अंधभगतों का दिमाग खराब कर रखा है! किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिये *सूप बोले सो बोले छलनी क्यों बोले, जामें 72 छेद हैं?* वाली कहावत चरितार्थ हो रही है!
मोदीजी ने कभी कोई आंदोलन नही किया
जैसे की रेलगाड़ी में हिन्दू,मुस्लिम ईसाई, पारसी,सिख और जैन सभी एक साथ यात्रा करते हैं!एक साथ अपने गंतव्य पर पहुँचते हैं!और दुर्घटना होने पर एक साथ मरते भी हैं। जैसे कुदरत प्राणियों में फर्क नहीं करती उसी तरह सच्ची लोकतान्त्रिक व्यवस्था वाले राष्ट्र का नेतत्व करने वाले लोगों को भी अपने मुल्क की आवाम में फर्क नही करना चाहिये! लेकिन यह सिर्फ सिद्धांत है,असल में कुछ अपवादों को छोड़कर राजनैतिक पक्ष विपक्ष में जबरदस्त टकराव चल रहा है!