अधिकांस धर्मावलंबियों की हजारों साल से मान्यता रही है और भगवद गीता में योगेश्वर श्रीक्रष्ण ने भी अर्जुन से कहा है कि 'ईश्वर : सर्व भूतानाम् ह्रदेशे अर्जुन तिष्ठति...'
अर्थात ईश्वर सबमें है -इस दौरके जमातियों, तबलीगियों,जेहादियों तैयबों आई एसआई 'रामरहीमों,आसारामों,दाऊदों,हाफिज सईदों ही नही बल्कि गुजरे जमाने के दुष्ट मुहम्मद बिन कासिम,मेहमूदगजनी,गौरी,चंगेजखान तैमूर,अब्दाली,दुर्रानी,हिटलर,मुसोलनी एवं आधुनिक दौर के जेहादी आतंकवादियों और सांप्रदायिक तत्वों के ह्रदय में भी ईश्वर रहता है!
वह सूर्य चंद्र तारों से लेकर छुद्र कोरोना वायरस के केंद्र में भी रहता है! मतलब ये भी ईश्वर वो भी ईश्वर!यत्र तत्र सर्वत्र ईश्वर!याने जो अत्याचार करे वो भी ईश्वर और जो अत्याचार सहे वो भी ईश्वर! अम्रत भी ईश्वर, दारू भी ईश्वर! धन्य है यह अध्यात्म ज्ञान!
'ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या'
धन्य हो भारत के महान ब्रह्मज्ञानियो!आप तीनों कालों में और दशों दिशाओं में सदा सर्वदा सही हैं! जय हो!
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