मंगलवार, 12 मई 2020

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो :-


यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो टीवी पर बार बार लोगों का भेजा फ्राई करने या मायूस करने के बजाय एक मिनिट भी खराब किये बिना,घोषणा करता कि :-
"कोरोना संकट से जूझ रहे जो मजदूर अपने कामपर वापिस जाना चाहें,उन्हें सरकारी खर्चे पर फौरन वापिसी का इंतजाम किया जा रहा है! हर मजदूर का पचास लाख का बीमा किया जा रहा है, हर मजदूर की पेंशन की गारंटी सरकार देगी!
जो मजदूर सड़कों पर भूखे प्यासे पैदल चल रहे हैं,उन्हें भोजन पानी की व्यवस्था उसी क्षेत्र के कलेक्टर एसपी की देखरेख में स्वयंसेवी संगठनों को दिया जाता है!यदि किसी गरीब मजदूर किसान को कोरोना या कोई और बीमारी होती है तो हमारी सरकार मुफ्त इलाज कराएगी और हरएक युवा को काम की गारंटी देगी!
कोरोना से लड़ रहे डॉक्टर भाईयो,नर्स बहिनों,पैरामेडीकल स्टाफ और ऑन ड्युटी पुलिस के साथियों आप कोरोना मोर्चे पर डटे रहो, हम तुम्हारे साथ हैं ! आपकी कोई समस्या या सुझाव हो तो मैं उसपर उचित कार्यवाही का वादा करता हूँ!
भाइयो बहिनों हमारे वैज्ञानिक एंटी कोरोना वैक्सीन तैयार करने में जुटे हैं!लॉकडाऊन से पूरी छूट के लिये अभी कुछ दिन और सब्र करें, हम सभी अस्पतालों में उचित इंतजाम कर रहे हैं कि यदि खुदा न खास्ता महामारी का संकट और लंबा खिच गया तो सरकार की कोशिश रहेगी कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को बेहतर इलाज दे सकें!
आगामी एक माह तक लॉकडाऊन में कुछ ढील दी जाती है इन शर्तों के साथ कि किसानों, व्यापारियों, उत्पादन संस्थानों और परिवहन व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग का मुस्तैदी से पालन हो "
धन्यवाद! जय हिंद..

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जिसका डर था,वही हो रहा है,' अंधा बांटे रेवड़ी आपन आपन देय'! हालाँकि मैं मोदी भक्त नहीं हूं,किंतु जो सच है,उसे स्वीकार करने में कोई झिझक नही!यह सच है कि कोरोना महामारी का कोई इलाज नहीं और आम आदमी कोरोना जनित लॉकडाऊन से हलकान है!किंतु मोदी सरकार बाकई भर पल्ले से सरकारी मदद दोनों हाथों से 'अपने वालों' को फ्री में बांट रही है! विरोधियों को इसकी भनक भी नहीं, वे केवल 20 लाख करोड़ के पैकेज की शल्यक्रिया में जुटे हैं!
आज जब हमारी कामवाली बाई बहुत लेट आई,देरीकी बजह उसने खुद बताई कि आज उसे दस किलो 'मोदी चावल' मिल रहे थे, अत: लाइन में लगने से देर हो गई! हमने भी जिज्ञासा वश पूछ लिया कि क्या भाव मिले?
उसका जबाब था -'मोदी जी ने दिये हैं -फ्री में!'उसने ये भी बताया कि मोदी जी की ओर से तीन महीने से पूरा राशन फ्री मिल रहा है! आगे तीन महिने तक और मिलेगा! नकद रुपये भी खाते में आ रहे हैं! वह काम वाली बाई इस तरह चहक रही थी,मानों कोरोना कोई त्यौहार हो और मोदीजी तारनहार!
यह घटना उस कोरोना हांडी का एक चावल मात्र है जो 20 लाख करोड़ के पैकेज के लिए मशहूर हैं ! बीपीएल,जनधन खाते, मनरेगा और प्रवासी मजदूरों को खूब मदद दी जा रही है। किंतु इसमें एक पेंच है! यह मदद केंद्र सरकार द्वारा,भाजपा कैडरों को दी जा रही है!
पूरे देश में भाजपा वाले, सेवा भारती वाले, और संघ परिवार वाले,चुपचाप हर सरकारी सहायता को 'मोदी सहायता' बताकर जश लूट रहे हैं, ताकि आगामी चुनाव में काम आ सके !वेशक मुँह देखकर तिलक लगाया जा रहा है!और अगले चुनाव में भाजपा की पुन: प्रचंड जीत सुनिश्चित!

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यदि कोई चीज मुफ्त में मिल रही हो
तो समझ लीजिए,आपको इसकी कोई बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है !
नोबेल विजेता डेसमंड टूटू ने एक बार कहा था कि
*"जब मिशनरी अफ्रीका आये तो उनके पास बाईबल थी और हमारे पास जमीन।*
उन्होंने कहा," हम तुम्हारे लिये प्रार्थना करने आये हैं ।"
हमने आंखे बंद कर लीं।
*जब खोलीं तो हमारे हाथ में बाईबल थी और उनके पास जमीन ।"*
इसी तरह जब सोशल नेटवर्किंग साइट्स आईं तो उनके पास फेस बुक और व्हाट्सएप थे और हमारे पास स्वतंत्रता और निजता थी।
*उन्होंने कहा,"ये मुफ्त है।"*
हमने आँखे बंद कर लीं ।
और जब खोलीं तो हमारे पास फेस बुक और व्हाट्सएप थे और *उनके पास हमारी स्वतंत्रता और निजी जानकारियां।*
जब भी कोई चीज मुफ्त मिलती है तो *उसकी कीमत हमें अपनी स्वतंत्रता देकर चुकानी पड़ती है।*

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केरल से मजदूरों का पलायन क्यों नही हुआ ?बाहर से आने वाले सभी कोरोना पॉजिटिव्स का भी केरल सरकार ने ठीक से इलाज कराया और वे ठीक भी हुए! बाकई यह केरल सरकार की उपलब्धि है! लेकिन इससे सिद्ध होता है कि यूपी,बिहार,बंगाल, महाराष्ट्र इत्यादि राज्यों में हजारों मजदूरों के पलायन और सैकड़ों मौतों के लिए प्रधान मंत्री मोदी जिम्मेदार नहीं हैं! वहां की राज्य सरकारें और प्रशासन जिम्मेदार है!

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