हम मोदी जी की नीतियों को जरा भी पसंद नही करते ! हमारी नजर में भाजपा निहायत साम्प्रदायिक और पूँजीवादी पार्टी है! किंतु कश्मीर के संदर्भ में हम केंद्र सरकार और अपनी फौज के साथ हैं! क्योंकि हम देश के हर क्षेत्र में अलगाववादियों और आतंकियों के खिलाफ हैं! राष्ट्रीय अखंडता को संकट में डालने वालों को हम खुलकर खेलने का मौका कदापि नही देंगे! आदतन हर चीज़ का विरोध करने वाले अपरिपक्व और जड़ बुद्धि लोग केंद्र सरकार की कश्मीर नीति पर तो लगातार हंगामा कर रहे हैं, किंतु लाखों मजदूरों की छटनी और वेरोजगारी के सवाल पर केवल बयानों की रस्म अदायगी करने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं!
वे भूल जाते हैं कि आतंकी बुरहान बानी की मौत के बाद जब श्रीनगर 60 दिन तक कर्फ़्यू के साये में रहा और जब भारतीय सैनिकों को पत्थर मारे जा रहे थे,तब क्या लोकतंत्र खतरे में नहीं था?
धारा 370 और 35 A को हटाते वक्त केंद्र सरकार ने यदि कुछ दिनों के लिये इंटरनेट बन्द कर दिया,तो अब लोकतंत्र खतरे में आ गया!जबकि सबको यह अच्छी तरह मालूम है कि कश्मीर घाटी में इंटरनेट का दुरुपयोग पाकिस्तान पोषित अलगाववादियों और आतंकवादियों के कुटिल आकाओं द्वारा ही अधिकतर किया जाता रहा है! भाइयो बहिनों इस पर इतनी हाय तौबा क्यों?
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