सोमवार, 12 अगस्त 2019

इमरान भाई, आपको भारत के आंतरिक मामले में बोलने का हक नही है.

प्रति,
जनाब इमरान खान साहब,
बजीरे आजम पाकिस्तान,
हाल मुकाम-इस्लामबाद,
पाकिस्तान!
अस्लामवालेगुम!
*ईद मुबारक*
इमरान साहब आपने फर्माया है कि "RSS जर्मनी के नाजीवादी 'फासिस्टों'जैसा संगठन है और नरेंद्र मोदी 'हिटलर' हैं,जिन्होंने संघ के दबाव में कश्मीर को गेस्टापो के हवाले कर दिया है"
इमरान भाई, यद्यपि आपको भारत के आंतरिक मामले में बोलने का हक नही है,फिर भी शुभचिंतक के नाते हम आपके विचारों का संज्ञान लेते हुए याद दिला दें कि भारत की बर्बादी का मंसूबा लेकर आपके यहां सक्रिय महानीच हत्यारे दाऊद,हाफिज सईद,अजहर मसूद जैसे लाखों हैं!आप और आपकी ISI अच्छी तरह जानते हैं,कि RSS वाले उतने दमदार या जंग खोर नही, जितने नाजी जर्मन थे या आपके जनरल जिया उल हक या परवेज मुशर्रफ हुआ करते थे!
संघ वाले वंदे मातरम् और भारत माता की जय के नारे लगाकर राष्ट्रवादकी बात अवश्य करते हैं, किंतु जब किसी संघर्ष की बात आती है तो वे निरीह जनताको धर्मांध बलबों में धकेलकर खुद दड़बों में छुप जाते हैं और यदि किसी ताकतवर से सामना हुआ तो सावरकर,देवरस की तरह शांति स्थापित करने के बहाने माफ़ीनामा लिखकर दे देते हैं! अत:आपने संघ,भाजपा को नाजी और मोदी को हिटलर बताकर अपनी ही खिल्ली उड़ाई है!क्योंकि आपके आरोप बेबुनियाद हैं!
चूँकि आपके आरोपों से मिलते जुलते आरोप यहां भारत में करोड़ों लोग लगाते हैं, अत: आपको कष्ट उठाने की जरूरत ही नही! संघ के साथ बमुश्किल 10 करोड़ हिंदू ही हौंगे,जबकि उसके विरोध में 100 करोड़ हिंदू हैं! तमाम गैर भाजपाई संगठन और दल वामपंथी,कांग्रेसी,क्षेत्रीय दल -ममता,सपा, बसपा,राजद,डीएमके तेलुगू देशम्, तमाम हिंदु विरोधी और भारत विरोधी लोग भी ऐंसे ही आरोप लगाते रहते हैं! जो कौम और देश पाकिस्तान और उसके आतंकियों से आक्रांत रहा है,उसे दवा देने के बजाय जहर तो न दीजिये!
वेशक भारत में संघ का विरोध संगठित नही है और यह विरोध चुनाव में विपक्ष के काम नही आता!क्योंकि सीबीआई, ईडी, EVM और जात पांत के समीकरण बिठाकर मात्र 35% वोट पाकर भाजपा /एनडीए वाले प्रचंड बहुमत पा जाते हैं! और 65% वोट पाकर भी भारतीय विपक्ष आईसीयू में पड़ा है! इसकी वजह शायद यह हो सकती है कि हिंदुओंमें अब अपमान सहने की ताकत नहीं बची!
किंतु इमरान साहब आपने तीर में तुक्का तो चला दिया,गच्चा खा गये!आप अपने शब्द वापिस लें और माफी मांगें ! और वैसे भी आपका काम करने के लिये कश्मीरी गुलाम
गिलानी,मेहबूबा,पीडीपी,जेकेएलएफ और हुरियत कांन्फेंस क्या कम है ? इस अभागे वतन भारत के खिलाफ बोलने वाले इस भारत भूमि में करोड़ों हैं! आप हमें हमारे हाल पर छोड़ दें,चीन अमेरिकाकी फिक्र करें और हो सके तो पाकिस्तान की बदहाली पर गौर करें! आमीन!

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