मैं कांग्रेस और इंदिरा गांधी की रीति नीति का हमेशा विरोधी रहा हूँ और वर्षों तक मुर्दाबाद के नारे भी लगाये!किंतु जब इंदिरा गांधी के निर्देश पर 'ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार' हुआ तो उसका तहेदिल से समर्थन किया!और इससे पूर्व जब उन्होंने सोवियत संघ से दोस्ती की और बांग्लादेश बनाया,पाकिस्तान के बलात्कारी फौजियों को सरेंडर कराया एवं सिक्किम का जबरन भारत में विलय कराया तब मैने उनके जिंदावाद के नारे भी लगाये !
भाजपा,संघ परिवार,नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ हम 20 साल से लगातार लिख-बोल रहे हैं!किंतु जब देखाकि हाफिज सईद,अजहर मसूद,पाकिस्तान की आर्मी, आईएसआई,हुरियत,अल कायदा,और अन्य अनेक इस्लामिक आतंकियों,अलगाववादियों की जम्मू कश्मीर पर बाकई बुरी नजर रही है,तो भारत की जनता ने नरेंद्र मोदी को एक और मौका दिया जिसका परिणाम यह है कि धारा 370 और 35A अब काल कवलित हो चुके हैं! भारत का नागरिक होने के बावजूद जो लोग इस कार्यवाही का विरोध कर रहे हैं और विधवा विलाप कर रहे हैं, वे इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दिये जाएंगे!
जो लोग इस तथ्य से बाकिफ नही कि जम्मू कश्मीर वालों को तमाम सुख सुविधाएं देने के बावजूद वे भारत के खिलाफ बग़ावत का स्वर बुलंद कर रहे थे, वे महामूर्ख हैं! अब यदि पीएम नरेंद्र मोदी ने एनएसए डोबाल, गवर्नर सतपाल मलिक और ग्रहमंत्री अमित शाह की काबिलियत से जम्मू कश्मीर का रणनीतिक पुनर्गठन किया है तो पाकिस्तान के पेट में दर्द क्यों ? पाकिस्तान की चिंता तो फिर भी समझ में आती है, किंतु इस राष्ट्रीय संकट की घड़ी में कुछ गैर कश्मीरी भारतियों का कश्मीर पुनर्गठन विरोध न केवल समझ से परे बल्कि नितांत निंदनीय है।
भाजपा,संघ परिवार,नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ हम 20 साल से लगातार लिख-बोल रहे हैं!किंतु जब देखाकि हाफिज सईद,अजहर मसूद,पाकिस्तान की आर्मी, आईएसआई,हुरियत,अल कायदा,और अन्य अनेक इस्लामिक आतंकियों,अलगाववादियों की जम्मू कश्मीर पर बाकई बुरी नजर रही है,तो भारत की जनता ने नरेंद्र मोदी को एक और मौका दिया जिसका परिणाम यह है कि धारा 370 और 35A अब काल कवलित हो चुके हैं! भारत का नागरिक होने के बावजूद जो लोग इस कार्यवाही का विरोध कर रहे हैं और विधवा विलाप कर रहे हैं, वे इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दिये जाएंगे!
जो लोग इस तथ्य से बाकिफ नही कि जम्मू कश्मीर वालों को तमाम सुख सुविधाएं देने के बावजूद वे भारत के खिलाफ बग़ावत का स्वर बुलंद कर रहे थे, वे महामूर्ख हैं! अब यदि पीएम नरेंद्र मोदी ने एनएसए डोबाल, गवर्नर सतपाल मलिक और ग्रहमंत्री अमित शाह की काबिलियत से जम्मू कश्मीर का रणनीतिक पुनर्गठन किया है तो पाकिस्तान के पेट में दर्द क्यों ? पाकिस्तान की चिंता तो फिर भी समझ में आती है, किंतु इस राष्ट्रीय संकट की घड़ी में कुछ गैर कश्मीरी भारतियों का कश्मीर पुनर्गठन विरोध न केवल समझ से परे बल्कि नितांत निंदनीय है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें