शुक्रवार, 4 जनवरी 2019

नैतिक मूल्यों का पतन!

मीडिया की ख़बरों के केंद्र में,
एक बड़े नेता का साक्षात्कार है !
दुनिया में"मेरा -भारत-महान"
राफैल में हो रहा शर्मशार है ।।
'सत्ता' विपक्षको विपक्ष 'सत्ता' को
संसद में ठहराता कसूरवार है ।
चंद लोगों की भोग लिप्सा देखकर,
मेहनतकश आवाम बेक़रार है!!
नारी अंग प्रदर्शन बिना इस दौर में,
कोई विज्ञापन लगता नहीं दमदार है!
प्रतिस्पर्धी जमाने में उत्पादनों का,
बाज़ार में मिलता नही खरीददार है!!
सूचनातंत्र की एेतिहासिक क्रांति,
फिरभी वैचारिक भ्रान्ति- बरकरार है।
नैतिक मूल्यों का पतनभी कुछ हदतक,
इन सबके लिए किंचित जिम्मेदार है।।
श्रीराम तिवारी

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