गुरुवार, 17 जनवरी 2019

दुनिया की तमाम बेटियों को समर्पित.....


बेटा बारिस है तो बेटी पारस है,
बेटा आनंद है तो बेटी ख़ुशी है,
बेटा ठहाका है तो बेटी हँसी है,
बेटा वंश है तो बेटी भी अंश है,
बेटा शान है तो बेटी आन है,
बेटा तन है तो बेटी मन है,
बेटा सुर है तो बेटी रागनी है,
बेटा संस्कार है तो बेटी संस्कृति है,
बेटा दवा है तो बेटी दुआ है,
बेटा पुरषार्थ है तो बेटी करुणा है,
बेटा शब्द है तो बेटी अर्थ है,
बेटा छंद है तो बेटी कविता है,
बेटा दीप-राग है तो बेटी मेघ मल्हार है,
बेटा भारत है तो बेटी भारतीयता है,
बेटा आत्मा है तो बेटी आत्मीयता है,
बेटा जायजसंघर्ष है तो बेटी क्रांति है,
बेटा पूर्णचंद्र है तो बेटी कांति है,

तो फिर नारी-उत्पीडन कन्या-भ्रूण हत्या क्यों?
असमानता -दुष्कर्म असामाजिकता क्यों!
(संकलित)

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