एकता के प्यार के सुर छंद में सजते रहें !
नित्य नव निर्माण के ,गीत हम रचते रहें !!
धर्मान्धता अज्ञानता,असमानता उच्छेद कर,
जो अकिंचन हैं खबर उनकी सदा लेते रहें !!
नित्य नव निर्माण के ,गीत हम रचते रहें !!
धर्मान्धता अज्ञानता,असमानता उच्छेद कर,
जो अकिंचन हैं खबर उनकी सदा लेते रहें !!
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