निर्धन जन की आदत बन गई ,
शोषण उत्पीड़न सहते रहना !
ई वी एम निर्वाचित शासक,
चाल चरित्र का क्या कहना!!
सार्वजनिक उपक्रम बर्बाद कर,
खुद निजीक्षेत्र आबाद करना!
जुमलेबाजी बेरोजगारी और
महंगाई का क्या कहना !!
नोटबंदी हो या जीएसटी,
नये आरक्षण का क्या कहना!
जब भांड विदूषक नेता बन गये,
तो बगुला भगतों का क्या कहना ?
शोषण उत्पीड़न सहते रहना !
ई वी एम निर्वाचित शासक,
चाल चरित्र का क्या कहना!!
सार्वजनिक उपक्रम बर्बाद कर,
खुद निजीक्षेत्र आबाद करना!
जुमलेबाजी बेरोजगारी और
महंगाई का क्या कहना !!
नोटबंदी हो या जीएसटी,
नये आरक्षण का क्या कहना!
जब भांड विदूषक नेता बन गये,
तो बगुला भगतों का क्या कहना ?
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