शनिवार, 3 अक्टूबर 2015



जो मुर्गा तेज आवाज में  बार-बार बाँग  दे रहा हो ,उस पर  सबेरा होने का भरोसा कदापि नहीं करना चाहिये। क्योंकि  मुर्गे की बाँग  की तीव्रता उसकी नजदीक आती जा रही मौत के समानुपाती होती  है। जो नेता  जितनी तेज आवाज में आरक्षण की पैरवी करता है ,दलितों/पिछड़ों और शोषितों के लिए मगरमच्छ के आंसू बहाता है , उस व्यक्ति पर विश्वाश कदापि नहीं करना चाहिये। क्योंकि ऐंसा व्यक्ति न केवल घोर स्वार्थी अपितु देश द्रोही व  समाज द्रोही  भी हुआ करता है। जो व्यक्ति अल्पसंख्यक वर्गों -खास तौर से मुसलमानों की हिफाजत और  तरक्की की बड़ी-बड़ी  बातें करता है ,आतंकियों  की पैरवी करता है ,उस व्यक्ति पर विश्वाश  कभी नहीं करना  चाहिए  क्योंकि  वास्तव में वही व्यक्ति  अल्पसंख्यक वर्ग का और उनके मजहब-पंथ  का सबसे बड़ा दुश्मन   होता है। जो व्यक्ति या नेता  हिंदुत्व के पक्ष में सबसे तेज और ऊंची आवाज में तुमुलनाद  किये जा रहा हो उस  पर कतई  विश्वाश नहीं करना चाहिये। क्योंकि उसका मकसद सिर्फ बहुसंख्यक वर्ग के वोट हथियाना मात्र है। सत्ता में आने के बाद वह कार्पोरेट  'पूँजी' का गुलाम हो जाता है। 

 जो लोग धर्म,मजहब  को राजनीति से पृथक मानते हैं ,जातीय  आधार पर गरीबी का आकलन न  करते हुए सभी जात -धर्म के  वंचितों की  इंकलाबी आवाज बनते हैं। जो लोग मानवीय मूल्य ,मानवता,समता -न्याय   के लिए आवाज उठाते हैं। जो लोग  उन्नत साइंस -टेक्नॉलॉजी  और समस्त विज्ञान के वरदान  को मानवमात्र के लिए सर्वसमावेशित किये जाने  के लिए आवाज उठाते हैं। जो लोग अंधश्रद्धा ,संकीर्णता ,साम्प्रदायिकता और चमत्कारवाद  के खिलाफ जनता को आगाह करते हैं। वास्तव में वे लोग ही सच्चे राष्ट्रवादी और मानवतावादी होते हैं। ऎसे लोग नास्तिक ही क्यों न हों  किन्तु संस्कृति ,सभ्यता ,मानवीय मूल्य ,मानवता,समता और अमन के सच्चे बलिदानी यही होते हैं।

  बर्बर फासिस्टों के हाथों मारे गए तमाम क्रांतिकारी -संघर्षशील ,  सफ़दर हाशमी , नरेंद्र दाभोलकर ,गोविन्द पानसरे,एमएम कलिबुरगी  ,,,,,ये सिर्फ समाज सुधारक या वैज्ञानिक सोच वाली शख्सियतों के नाम भर नहीं हैं बल्कि ये भारतीय सभ्यता -संस्कृति और भारतीय जीवंतता के देदीप्यमान नक्षत्र हैं। आधुनिक युवाओं को इन शहीदों की शहादत से प्रेरणा लेकर ही अपनी और समाज की दिशा तय करनी  चाहिए !

श्रीराम तिवारी

                                                             

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