रविवार, 19 जुलाई 2015

"मध्यप्रदेश एवं देश के प्रायवेट मेडिकल कालेजों पर मुझे भरोसा नहीं रहा। "



  मेदांता ग्रुप के चैयरमेन डॉ नरेश त्रेहन का -मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को और व्यापम फर्जीबाड़े के  आयोजकों को सबसे 'मारक 'जबाब !आज इंदौर में उन्होंने कहा -"मैंने तो इंदौर में मेडिकल यूनिवर्सिटी खोलने का प्लान तैयार किया था। इसके लिए इंदौर में जमीन भी देख ली थी। परन्तु व्यापम घोटाले ने मुझे एक बार फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। अभी तो इंदौर में 'मेदांता' का जो अस्पताल है उसके  सभी डॉक्टर्स - खासकर  मध्यप्रदेश के मेडिकल कालेजों से डिग्री लेकर जिनकी भर्ती की गयी होगी ,उनके दस्तावेजों की जांच बारीकी से करूंगा।  मेडिकल यूनिवर्सिटी खोलना मेरा सपना है किन्तु व्यापम जैसी गड़बड़ियों से मेरा विश्वास डगमगा रहा है। बहरहाल आइन्दा  मेदांता समूह के अस्पतालों में सरकारी मेडिकल कालेज से निकले डॉक्टर्स को ही प्रिफर किया जाएगा। उनकी भी गहन जांच पड़ताल होगी। मध्यप्रदेश  एवं  देश के  प्रायवेट  मेडिकल कालेजों पर मुझे भरोसा नहीं रहा। "
                     
जाने -माने ह्रदय रोग विशेषज्ञ और मेदांता के सर्वेसर्वा डॉ त्रेहन  से जब पत्रकारों ने व्यापम फर्जीबाड़े और उसके दूरगामी दुष्प्रभावों पर उनकी प्रतिक्रिया जानने चाही तो उन्होंने  स्पष्ट कहा कि "न केवल  सचाई सामने आना चाहिए , बल्कि मेंडिकल कौंसिल ऑफ़  इण्डिया को भी चाहिए कि अन्य साल्वर से परीक्षा दिलाने या पैसे देकर  सीट हासिल करने या आरक्षण के चलते सिर्फ ६ नंबर पाने वाले को  मेडिकल कालेज में  एडमिशन दिया जा रहा है तो वो इलाज कैसा  करेगा ?उनका आशय था कि  मेडिकल कॉलजों में काबिलियत के आधार पर ही एडमिशन हो।  वर्ना  न केवल व्यापम जैसे घोटाले होते रहेंगे बल्कि जन स्वास्थ  से भी खिलवाड़ होती रहेगी।

                                       श्रीराम तिवारी
 

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