मामा गिरी के फेर में ,व्यस्त रही सरकार।
मध्यप्रदेश का कर दिया , जमकर बंटाढार।।
झूंठ कपट छल छंद के , नकली तीर कमान।
व्यापम गच्चा दे गया , चूक गए चौहान ।।
सत्ता मद का शीघ्र ही , होगा सूरज अस्त।
तंत्र -मन्त्र की शरण में , चाहे जो हों व्यस्त।।
भृष्टाचार की तपन से , जिन पर आयी आंच ।
उनकी सीबीआई को , करनी चाहिये जांच।।
;- श्रीराम तिवारी :-
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