कौन कहता है कि ये मौसम खुशगवार है?
यदि ये सच है तो क्यों हर शख्स बेदम-बेज़ार है?
क्या सत्ता ,क्या विपक्ष,एक ही थैली के चट्टे-वट्टे?
सत्ता की सीडियों पर सज रहा बाज़ार है!
क्यों राजा तिहाड़ में ,सादिक वाशा मृत?
क्यों टाटा-राडिया की पी ऐ सी को दरकार है?
क्यों धनवालों को टैक्स में छूट दर-छूट?
क्यों हो रहा देश के नवरत्नों का बँटाधार है?
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काश न रहे कोई भूँखा ,मिले सबको रोटी,
हर हाथ को मिले काम,अनिकेत को निकेतन!
पर्याप्त शिक्षा-स्वाश्थ,आराम -मनोरंजन,
सरमायेदारी में ये कहाँ? केवल करुण क्रंदन!!
संपन्न राष्ट्र में क्यों विपन्न का ही शोषण?
श्रम का अपमान धूर्तों का महिमा मंडन!
हतभाग्य नहीं मेहनतकश केवल वक्त की मार है,,
सर्वहारा के संघर्षों का क्रांतिकारी अभिनन्दन!!
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श्रीराम तिवारी
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