अब आप राहुल गांधी को मूर्ख पप्पू बेवकूफ समझना बंद करिए क्योंकि अब यह देश के दुश्मनों के साथ मिलकर बहुत खतरनाक प्लानिंग पर काम कर रहा है.
इसे जो टास्क मिला है सबसे पहले हिंदुओं को तोड़ो हिंदुओं में जातिगत नफरत पैदा करो.
अब आप खुद सोचिए की तेलंगाना हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक जहां इसकी सरकार है वहां का मुख्य सचिव और डीजीपी दलित या आदिवासी नहीं है.
यदि काँग्रेस और राहुल गांधी आदिवासियों के हितैषी होते तो मध्यप्रदेश में शिवभानुसिंह सोलंकी जो आदिवासी थे को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाते. जब इतिहास में प्रथम बार बीजेपी ने एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था तब यह उस आदिवासी महिला का समर्थन करते ना कि उनके खिलाफ यशवंत सिन्हा को उतार देता.
इसे टूल किट दिया गया है कि तुम जब तक हिंदुओं को नहीं तोड़ोगे तब तक तुम भारत को नहीं तोड़ सकते और यह उसी टूलकिट पर जो इसे चीन और डीप स्टेट के जॉर्ज सोरेस ने दिया है उसी सिद्धांत पर काम कर रहा है.
ठीक यही टूल किट चीन और चार्ज सोरेस ने कमला हैरिस को दिया है.
आप कमला हैरिस का भाषण सुनिए और राहुल गांधी का भाषण सुनिए हुबहू समान भाषण है.
वहां कमला हैरिस कह रही है ट्रंप संविधान बदल देंगे, ट्रंप आरक्षण खत्म कर देंगे, ट्रंप यदि जीत गए तो दोबारा अमेरिका में चुनाव नहीं होगा, ट्रंप तानाशाह है सेम टू सेम वही.
और अब जिस तरह से राहुल गांधी हिंदुओं को तोड़ने के लिए भारत में काम कर रहे हैं वही टास्क कमला हैरिस को जॉर्ज सोरेस ने अमेरिका में दिया है.
अमेरिका में भी कमला हैरिस ईसाइयों को तोड़ रही है. ईसाइयों को काले गोरे में उसके बाद उन्होंने एक नया टर्म बना दिया है शोषित ईसाई यानी सेम टू सेम चल रहा है.
तो अब जो राहुल गांधी को हम लोग या भारत बहुत हल्के में ले रहा था अब इसे हल्के में लेने मत लीजिए. अब यह बहुत ज्यादा खतरनाक हो चुका है.
आपने आजकल देखा होगा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल संसद में ऊलजलूल बातों में बहस करके संसद का समय बर्बाद कर रहा है. कभी शिव जी की फोटो , कभी अभिमन्यु ,कभी शिव बारात तो कभी हलवा सेरेमनी . हमेशा हिन्दु धर्म ही उसका टार्गेट है. देश के विकास और अन्य मामलों में अडानी , अंबानी के अलावा कुछ नहीं. उसका मकसद सिर्फ हिन्दू को तोडना है. ताकि उसको जो टास्क दिया है वह पूरा हो सके. यदि हिन्दू टूट गये तो गजवा ए हिन्द का टार्गेट , उसके पारम्परिक वोटर्स पूर्ण कर देंगे. अपनी सरकार बनाकर अपना मुस्लिम एजेंडा अन्य कांग्रेस शासित राज्यों की तरह ही समस्त भारत पर लागू कर सके.
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