भारत एक ऐंसा अमीर (विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था) देश है जहां सकल राष्ट्रीय उत्पादन और प्रति व्यक्ति आय बढ़ने के बावजूद,दुनिया की सबसे बड़ी आबादी अब तक गरीब है।मोदी जी के पास इतना प्रचंड बहुमत है कि वे देशहित में 'सम्पत्ति हस्तनांतरण' का क़ानून बना सकते हैं !सभी धनाढ्यों,बड़े जमींदारों के पास नंबर दो का और बैंकों में डूबत खातों (NPA)का जो अकूत पैसा पड़ा है, उसे कानून बनाकर राजसात करें तथा कंसोलिडेटेड फंड्स में समाहित कर कराके राष्ट्रीय विकास में लगाएं।
यदि इनसे राजसात में कोई अड़चन है, तो बिना ब्याज के रकम तो उधार मांगी ही जा सकती है। उपरोक्त स्त्रोत और संसाधनों से इतना धन जुट सकता है कि भारत को रूस,अमेरिका,इजरायल, जापान,जर्मनी या किसी अन्य विकसित देश से घाटे का सौदा नही करना पड़ेगा !
विपक्षी दलों में यदि रंचमात्र राष्ट्र प्रेम है तो वे भी इस संदर्भ में उचित मांग उठाकर जन आंदोलन खड़ा करें। जिस दिन सत्तापक्ष और राष्ट्रीय विपक्ष दोनों ही संसद से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक इस संदर्भ में समन्वय स्थापित करें, तभी भारत को दुनिया में महाशक्ति, विश्वगुरु और यूएनओ में वीटो पावर का हकदार माना जाएगा!:-श्रीराम तिवारी
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