गुरुवार, 7 सितंबर 2023

याद उनकी भी निशानी रख।

 परिंदे हौसला कायम रख ,उड़ान जारी रख,

हर इक निगाह तुझ पर है ,ध्यान मानी रख।
बुलंदियाँ तेरी हिम्मत को भी आजमाएँगीं,
परों में जान रख, नजर को आसमानी रख।
परिंदे पहिले भी उड़े अनेकों,भटककर राह भूले
लौटकर नहीं आये,याद उनकी भी निशानी रख।
दहक़ता आसमाँ होगा कहीं,बादल अँधेरा घुप्प ,
चमकती बिजलियाँ होंगीं,तू़ं पुरुषत्व पानी रख।
नजर को भेदकर देख धुंध के उसपार अंतिम सत्य
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं, जुबानी याद रख !
श्रीराम तिवारी

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