गुरुवार, 7 सितंबर 2023

लोकतंत्र में,ग का गू कहने का अधिकार*

 कुछ राष्ट्रचिंतकों के समक्ष सवाल उठता है कि जिसे संस्कृत व्याकरण का पर्याप्त ज्ञान न हो, जिसे दुनिया की तमाम सभ्यताओं के सापेक्ष अपनी भारतीय अस्मिता का ज्ञान न हो,जिसे अपने देश की सभ्यता और संस्कृति का भान न हो,और यदि ऐंसी जंगली बर्बर असभ्य व्यक्ति राजनैतिक कारणों से अपनी ही मातृभूमि के सांस्कृतिक वैभव,सामाजिक ,आध्यात्मिक प्रवाह पर घृणास्पद विषवमन करे, तो क्या किया जाना चाहिए ?

उपरोक्त सवाल के जबाब में मेरा जबाब है कि राजद नेता तेजप्रताप यादव,लल्लन प्रसाद,सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य तथा डी एम के नेता स्टालिन तथा उदयनिधि मारान जैसे अहमक नेताओं पर देशद्रोह का मुकद्मा ठोक दिया जाए।
बच्चा यदि बालावस्था में मां का आँचल मैैला कर दे तो मां एक बार नही, अनेक बार हँसते हँसते सहन कर लेती है,किंतु बेटा बड़ा हो जाए और मां के ऊपर थूकने लगे तो, उस बेटे का पागलखाने में इलाज ज़रूरी है! क्योंकि ऐंसे मानसिक रूग्णता ग्रस्त कपूत को सहन नही किया जा सकता!
भारतीय लोकतंत्र में, भारतीय संविधान के तहत यदि किसी को ग का गू कहने का अधिकार* है, तो उस अहमक को राष्ट्र का आदर्श माने या जिन्होंने सच को सच कहा जिन्होंने कहा *सत्यमेव जयते * जिन्होंने कहा *क्रण्वंतोविश्वमार्यम्* और जिन्होंने कहा :-ईश्वर : सर्वभूतानाम्* उनको आदर्श माने?
विश्व की सर्वोत्तम सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक भाषा- संस्कृत और उसकी व्याकरण का सांगोपांग अध्ययन किया है,ऐसे ही महा पुरुषों का भारतीय साहित्य और संस्कृति का प्रतीक माना जाएगा ! जिन महान विद्वतजनों ने *संस्कृत के उच्चतर साहित्य> महाभारत* का आद्योपांत अध्ययन किया है, उसकी गूढ़ व्याख्याओं को समझा है और विज्ञान सम्मत सिद्धांतों से अवगुँठित सूत्रों को समझा है,उनकी ही बात मानेगे या जो दारू खोर हैं, अपनी जातीय हीनता से कुण्ठित हैं,केवल अपना अंधस्वारथ के वशीभूत अपने ही पूर्वजों को अंट शंट बिषवमन करते रहते हैं!
महान ऋषि-मुनियों मुमुक्षु पुरुषों द्वारा आविष्कृत अन्वेषित वर्चुअल इमेज या किसी आदर्श मिथकीय दिव्य पुरुष या इतिहास पुरुष को भगवान का दर्जा देना तो वैसा ही, जैसे कि इन दिनों आरक्षण प्राप्त नर नारी बाबा साहिब डॉ. भीमराव अंबेडकर को भगवान के बराबर दर्जा दे रहे हैं! और यह गलत नहीं है! बाबा साहिब के संघर्ष से जिनका उद्धार हुआ, वे यदि बाबा साहब को भगवान मानते हैं, तो इसमें कुछ गलत नही! इसी तरह यदि हिंदुओं ने शिव दुर्गा, गणेश,काली,बाराह, नर सिंह,बामन, परशुराम, श्रीराम, श्रीकृष्ण ,बुद्ध ,महावीर को भगवान माना तो किसकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है? जय महाकाल.. श्रीराम तिवारी
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