गुरुवार, 7 सितंबर 2023

वामपंथी दलों के दफ्तरों में

 मार्क्स ने कहा था- "हरएक से उसकी क्षमतानुसार काम लिया जायेगा! हरएक को उसकी जरूरत के अनुसार दिया जायेगा!"

कार्ल मार्क्स ने कभी यह नही कहा कि सरकार जात देखकर नौकरी या सरकारी मदद दे!आजकल वामपंथी नेताओं और वामपंथी दलों के दफ्तरों में मार्क्स,एंगेल्स,फीडेल कास्त्रो और नम्बूदिरीपाद के चित्र भले न मिलें,अंबेडकर के चित्र जरूर मिलेंगे!
वे भूल गये कि मार्क्स लेनिन ने कहा था :-
"दुनिया के गरीबो एक हो"
ये नही कहा था कि जाति धर्म मजहब के आधार पर संगठित होकर सामूहिक हाराकिरी कर लेना

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