शुक्रवार, 30 सितंबर 2016

सर्जिकल स्ट्राइक की आंशिक सफलता पर सभी को बधाई,!



ऑपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक की आंशिक सफलता पर देशवासियों में आत्मविश्वास जागृत हुआ -सभी को बधाई,! आंशिक सफलता से  तातपर्य है कि पाकपरस्त आतंकवाद का भयानक भूत बहुत शैतानी और अजर-अमर है ।  यह रक्तबीज और सहस्त्रबाहु की तरह पुनर्जीवी और सर्वव्यापी है।पीओके में 'आपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक तो महज  एक प्रतीकात्मक कार्यवाही ही है ,लेकिन यह महायुद्ध का शंखनाद भी  सावित हो सकता है। भारतीय नेतत्व को आपरेशन की सफलता से प्रेरणा लेकर आगे की कार्यवाहियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

भारतीय सीमा के निकट 'पीओके' स्थित आतंकी केम्पों को ध्वस्त कर भारतीय कमांडोज ने दो पाकिस्तानी फौजियों को मार गिराया और सम्भतः ३८ आतंकी भी ढेर कर दिए। यह पठानकोट,उरी पर हुए आतंकवादी हमलों का माकूल जबाब है। आपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक की कार्यवाही का सफल संचालन और सम्पूर्ण विपक्ष का विश्वास अर्जित करना - मोदी सरकार की यह पहली कामयाबी है बधाई ,,! लेकिन सरकार समर्थकों को इस चुल्लू भर सफलता पर बोरा जाना उचित नहीं ,बल्कि होशोहवास में रहकर देश की रक्षा के लिए कटिबद्ध होना बहुत जरुरी है। इसके लिए  सेना और सरकार का साथ देना भी बहुत जरुरी है।और  सरकारी तंत्र में बैठे सभी अफसर - नेता लोग वह आचरण भी अमल में लायें  जो युध्दकाल में  वांछित है। जिस त्याग की भावना काऔर नैतिक आचरण का दरोमदार एक विजेता कौम या राष्ट्र पर हुआ करता है,वह हम भारत के लोगों में भी दिखना चहिये। 'नंगू के गड़ई भई ,बेर-बेर हगन गई' की कहावत चरितार्थ नहीं होनी चाहिए। त्याग और अनुशासन की जो उम्मीद जनता से की जाती है, शासकवर्ग के लोग भी उस पर अमल करंगे तो पाकपरस्त आतंकवाद एवम विश्व आतंकवाद  भी फ़ना हो जाएगा। इस आत्नाक्वाद बनाम आपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक के विमर्श में उलझकर देश की आवाम  और सरकार को अपने अन्य अभीष्ट सरोकार नहीं भूलने चाहिए। विश्व विरादरी का विश्वास हर हाल में बनाये रखना जरुरी है।  श्रीराम तिवारी !

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