चारों तरफ से सीमाओं पर असुरक्षित भारत के लिए संतोषजनक सूचना है कि 'न्यूयार्क' में कुछेक प्रवासी भारतीयों ने और पाकिस्तान से जान बचाकर भागे ' बलूच 'कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया है । उन्होंने पाकिस्तान में मानव अधिकारों की दुर्दशा पर और पाकिस्तानी मिलिट्री के नृशन्स अत्याचार पर तमाम दुनिया का ध्यानाकर्षण किया है। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए और अमेरिका की उस दोगली नीति के खिलाफ भी नारे लगाये ,जिसमें ऊपर-ऊपर तो वह अमन -शांति की बात करता है और पिछले दरवाजे से पाकिस्तान की - हथियारों से ,ऍफ़ -१६ विमानों से और आर्थिक पैकेज से जमकर मदद कर रहा है।इन प्रदर्शनकारियों के प्रति हम भारत के लोग जितनी कृतज्ञता व्यक्त करें कम ही है ! क्या भारतीय जनता पार्टी के नेता, कार्यकर्ता , 'मोदी सरकार' और उनके 'परम मित्र' -अम्बानियों-अडानियों में इतना नैतिक साहस है कि अमेरिका की दोगली नीति का खुलकर विरोध कर सकें? जिस अमेरिका का पाकिस्तान के सिर पर हमेशा हाथ रहा है ,उसी अमेरिका को भारतकी मोदी सरकार ने १००% एफडीआई के द्वार खोल दिए हैं, लेकिन इससे भारत को क्या लाभ हुआ ? इसके विपरीत पाकिस्तान की आर्मी और उसके पालतू दहश्तगर्द और ज्यादा आग मूत रहे हैं। भारत के अमेरिकापरस्त पूंजीवादी दक्षिणपंथी लोग भी अमेरिकी हथियार विक्रेताओं की धुन पर था-था थैया कर रहे हैं। श्रीराम तिवारी !
गुरुवार, 22 सितंबर 2016
पाकिस्तानी आतंकी बहुत ज्यादा आग मूत रहे हैं।
चारों तरफ से सीमाओं पर असुरक्षित भारत के लिए संतोषजनक सूचना है कि 'न्यूयार्क' में कुछेक प्रवासी भारतीयों ने और पाकिस्तान से जान बचाकर भागे ' बलूच 'कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया है । उन्होंने पाकिस्तान में मानव अधिकारों की दुर्दशा पर और पाकिस्तानी मिलिट्री के नृशन्स अत्याचार पर तमाम दुनिया का ध्यानाकर्षण किया है। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए और अमेरिका की उस दोगली नीति के खिलाफ भी नारे लगाये ,जिसमें ऊपर-ऊपर तो वह अमन -शांति की बात करता है और पिछले दरवाजे से पाकिस्तान की - हथियारों से ,ऍफ़ -१६ विमानों से और आर्थिक पैकेज से जमकर मदद कर रहा है।इन प्रदर्शनकारियों के प्रति हम भारत के लोग जितनी कृतज्ञता व्यक्त करें कम ही है ! क्या भारतीय जनता पार्टी के नेता, कार्यकर्ता , 'मोदी सरकार' और उनके 'परम मित्र' -अम्बानियों-अडानियों में इतना नैतिक साहस है कि अमेरिका की दोगली नीति का खुलकर विरोध कर सकें? जिस अमेरिका का पाकिस्तान के सिर पर हमेशा हाथ रहा है ,उसी अमेरिका को भारतकी मोदी सरकार ने १००% एफडीआई के द्वार खोल दिए हैं, लेकिन इससे भारत को क्या लाभ हुआ ? इसके विपरीत पाकिस्तान की आर्मी और उसके पालतू दहश्तगर्द और ज्यादा आग मूत रहे हैं। भारत के अमेरिकापरस्त पूंजीवादी दक्षिणपंथी लोग भी अमेरिकी हथियार विक्रेताओं की धुन पर था-था थैया कर रहे हैं। श्रीराम तिवारी !
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