अभी-अभी टी ट्वन्टी क्रिकेट मैच श्रृंखला में आस्ट्रेलिया को क्लीन स्वीप कर भारतीय क्रिकेट टीम ने दुनिया में भारत का झंडा ऊँचा किया है। इस जीत ने चारों ओर निराशा के सागर में आकंठ डूबी भारत की जनता को जो क्षणिक ऊर्जा प्रदान की है ,उसके लिए न केवल भारतीय क्रिकेट टीम के शतकबाज खिलाडी बल्कि कप्तान धोनी भी बधाई के हकदार हैं।उनकी इस महाविजय के कारण भारत भूमि में खदबदा रहे -आतंक कांडों, रेपकांडों , टेपकांडों ,दलित कांडों, अल्पसंख्यक और स्त्री विमर्श कांडों से देश की जनता का ध्यान कुछ क्षणों के लिए ही सही,कुछ तो अवश्य भंग होगा । इस दौर में उपलब्ध हर किस्म के सूचना संचार माध्यम और सोशल मीडिया पर सत्ता के बौराये पूंजीवादी भांडों के नकारात्मक कोलाहल से भी जनताजनार्दन को कुछ तो राहत मिलगी।न केवल टी ट्वन्टी की जीत बल्कि जूनियर क्रिकेट टीम की जीत और सानिया मिर्जा की जीत से भारत का मान बढ़ा है। आस्ट्रेलिया में तो भारत के एनआरआई और समर्थक दर्शकों का 'दर्प' अपने सर्वोच्च शिखर पर जा पहुंचा है। सभी खेल प्रेमियों को बधाई ! वेशक भारतीय टीम की इस जीत से भारत के जिन दुश्मनों को बहुत तकलीफ हुई होगी ! उनके लिए शोक संवेदना !
देश और दुनिया में करोड़ों लोग होंगे जिन्हें क्रिकेट बिलकुल पसंद नहीं।अरबों ऐंसे होंगे जिन्हें मेहनत मजदूरी से ही फुर्सत नहीं ,क्रिकेट का खेल हो या उस जैसा कोई अन्य मनोरंजन का सभ्रांत साधन -उनके नसीब में कदापि नहीं। परन्तु इनमें से अधिकांस लोग न केवल क्रिकेट बल्कि किसी भी खेल में अपने देश की हार-जीत से प्रभावित अवश्य होते हैं । भारतीय चिंतन -दर्शन परम्परा के अनुसार तो कोई भी वानप्रस्थ नर-नारी लाभ-हानि ,जीवन-मरण , शत्रु -मित्र , यश-अपयश और शीत -उष्ण के प्रभाव से परे ही होता है । वह सर्वथा वीतरागी और सम्यकदृष्टि वाला होता है। वह 'विश्व बंधू' या 'विश्व नागरिक'जैसा हो जाता है। उसके लिए दुनिया के सभी देश और उनके खिलाडी एक समान दिखने लगते हैं। यह विचित्र किन्तु नितांत सत्य है कि मार्क्सवादी दर्शन अर्थात वैज्ञानिक साम्यवाद भी यही सिद्धांत पेश करता है। खैर यह इस आलेख का मकसद भारतीय दर्शन और वैज्ञानिक भौतिकवादी दर्शन का तुलनात्मक अध्यन प्रस्तुत करना नही है। मुझसे अगर कोई पूंछे कि दुनिया की सबसे रोमांचक घटना कौनसी है ? मेरा जबाब होगा -भारत बनाम पाकिस्तान क्रिकेट !
दुनिया की सबसे रोमांचक घटना तब हुआ करती है जब भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे क्रिकेट मैच को पाकिस्तानी खिलाडियों ,दाउदों ,अजहर मसूदों ,याकूब मेमनों व आईएस पोषित आतंकियों द्वारा युद्ध' क्षेत्र में बदल दिया जाता है। आतंकवाद से पीड़ित पाकिस्तान ,अलगाववाद से पीड़ित पाकिस्तान ,सर्वाधिक विदेशी कर्ज से पीड़ित पाकिस्तान ,सर्वाधिक निर्धनता से पीड़ित पाकिस्तान और बेहद अशांत पाकिस्तान तब उन्मादी हो जाता है जब उसके खिलाड़ी भारत की क्रिकेट टीम को हारने के लिए निहायत नीचता पर उतर आते हैं। विगत ५० साल से पाकिस्तान ने सिर्फ यही प्रमाणित किया है कि वह भारत को बरबाद करना चाहता है। लेकिन भारत ने हमेशा उसे इज्जत दी और दोस्ती का भी हाथ बढ़ाया। अब चूँकि पाकिस्तानी क्रिकेट की फायनेंसियल स्थति बहुत दयनीय हालत में जा पहुँची है ,उसे उबारने के लिए उसे भारतीय क्रिकेट की अभिलाषा है। किन्तु भारत को यह याद चाहिए कि जो चीज पाकिस्तान के हित में हो वो भारत के हित में कभी नहीं होती !भारत जब -जब पाकिस्तान पर मेहरवान हुआ है तब-तब पाकिस्तान ने धोखा और अवसाद ही दिया है। श्रीराम तिवारी