मंगलवार, 12 जनवरी 2016

तो देश के इतने बदतर हालात नहीं होते:-; श्रीराम तिवारी :-


 दुनिया में अगर धर्म-मजहब के साम्प्रदायिक पाखंड  और फसाद नहीं होते।

 तो किसी भी देश या कौम के नर-नारी इतने  स्वार्थी और दगाबाज नहीं होते।।

 किसान -मजदूर और आम जन जागरूक  होते तो बेईमानों के सिर ताज नहीं होते।

 जो क्रांतिकारी नेतत्व के धनी होते हैं ,वे  विदेशी सहायता के मुँहताज नहीं होते।।

 जो लोग कोमल ह्रदय व  मन  के सच्चे होते  हैं ,उनके कोई सीक्रेट राज नहीं होते।

 काश सिर्फ शोषित-शोषक का द्वन्द होता,और  आतंकी कोढ़ में खाज नहीं होते।।

 किसी  निर्दोष को 'बीफ' खाने के बहाने भीड़ मार दे ,इससे तो  राम राज नहीं होते।

 भारत के सभी नागरिक  देशभक्त होते तो देश के इतने बदतर हालात नहीं होते।।

    श्रीराम तिवारी 

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