रविवार, 31 अगस्त 2014

अभी तो उनका 'हनीमून पीरियड शुरू ही हुआ है। ;- श्रीराम तिवारी ;-

   मार्फ़त श्री जेटली जी -केंद्रीय मंत्री ,भारत सरकार ,नई  दिल्ली ,

  देश की आवाम  को -एक अच्छी खबर है कि -देश के अनाज गोदाम अन्न से  भरे पड़े हैं।

  देश की आवाम को  मानसून की बेरुखी से चिंता करने की  या महँगाई  से डरने  की कोई बात नहीं  है।

  चलो भाई   हमारी चिंता  दूर हुई  आवाम को ये भी याद रखना चाहिए   कि  ये  चमत्कार  -महज तीन

 महीनों  में संभव नहीं हुआ !तीन महीने पहले सत्ता में आई एनडीए सरकार- बनाम मोदी सरकार- बनाम 'संघ

सरकार' -के  सत्ता में आने और कुछ कर  दिखाने  में कुछ बक्त लगेगा , उन्ही  के किसी नेता का तर्क है की

 अभी -अभी तो शादी ही  हुई है,अभी तो हनीमून भी नहीं सम्पन्न हुआ।  क्या  इतने जल्दी बच्चा संभव है ?

 वेशक समझदार लोग भी मानते हैं कि  इस सरकार के एक साल होने के बाद ही पता लगेगा कि  अन्न भंडारण

की क्षमता  और महँगाई  की स्थति क्या है ? यह \बात   जुदा  है कि  इस सरकार के आते  ही मानसून  भी  दगा

 दे गया  ! न केवल मानसून  दागा दे गया बल्कि पाकिस्तान का शरीफ  भी कौल का कच्चा निकला और  गच्चा

 दे गया।  अभी -अभी २-४ दिन पहले ही   प्रधानमंत्री जी ने  एक  विशालकाय नवीनीकृत  युद्धपोत नौसेना को

 समर्पित किया।  चारणों ने  शौर्य ,यश ,सुशासन और विकाश  के मंगल  गीत गाये।  चापलूसों ने  नेतत्व

की चरण वंदना की। पता लगा कि  इसे  भारत -रूस सहयोग से बनाया गया है [वास्तव में यह  सेकिण्ड हेंड-

पुराना रुसी युद्धपोत है जिसे साज-संवार कर नया भारतीय  रूप दिया गया है  और इसे बनाने में पूरे १० साल

लगे हैं[यूपीए -१ और यूपीए-२ का १० बर्षीय कार्यकाल ] यह  भी इंदिरा गांधी के नेतत्व में सम्पन्न -

 'भारत -सोवियत' मैत्री  की शायद  यह अंतिम  सामरिक निशानी है।  वर्तमान  सरकार  आइन्दा  इसे और

 बेहतर तो बना सकती है किन्तु इसका पूरा श्रेय नहीं ले सकती। अब यदि   आवाम सवाल करे  कि  इसका श्रेय

  किसे जाता है ? तो सही जबाब  क्या है? कांग्रेसी कह सकते हैं कि  ये तो  हमारी  नीतियों -कार्यक्रमों का

परिणाम  है। लेकिन  यूपीए केअलायन्स पार्टनर  भी कह  सकते हैं कि यदि   हम समर्थन नहीं देते तो यूपीए की

 सरकार ही नहीं बनती औरतब  कांग्रेस सत्ता में कैसे आती ?  जब  कांग्रेस को सत्ता में बिठाने का श्रेय उसके

 अलायन्स पार्टनर्स को है तोउपलब्धियों का क्यों नहीं ? अकेले -अकेले किसी  को भी उपलब्धि का श्रेय लेने का

सवाल ही नहीं उठता । एनडीए  सरकार  बनाम  भाजपा  सरकार बनाम मोदी सरकार को फिल्बक्त तो  किसी

भी इस या  उस उपलब्धि या निर्माण का श्रेय  कदापि नहीं  मिल सकता ,जिसके सृजन या निर्माण में ३ माह से

 ज्यादा  का वक्त लगा हो  !  क्योंकि  बकौल उन्ही के किसी प्रवक्ता के - बच्चा पैदा होने में  भी ९ माह तो

 अवश्य ही लगते हैं। जबकि अभी तो उनका 'हनीमून पीरियड  शुरू ही हुआ  है।             श्रीराम तिवारी

                   






  किसानों के अथक परिश्रम की मेहरवानी से ,

  अनाज के गोदाम भरे पड़े हैं।

    चूँकि दो महीनों में तो यह सम्भव नहीं ,

  

   

      एक बहुत  बुरी खबर है की,

       गोदामों में अनाज सड़  रहा है -

        फिर  क्यों  निर्धन जनता पर भूंख की  परछाई है?

         एक अच्छी खबर है  कि ,

        अब अलायन्स  के सामने झुकने की बाध्यता नहीं -

        फिर क्यों स्पष्ट बहुमत की सरकार रोकती नहीं महँगाई  है ?

         एक अप्रिय खबर है कि ,

        वर्तमान सरकार कहने को तो है 'मोदी सरकार ',

        किन्तु नीति -नियत और कार्यक्रमों से लगती  यह यूपीए-३  यही सच्चाई है।

      
               श्रीराम तिवारी


    

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